इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूछा कि सरकारी आश्वासन के बावजूद मेडिकल व पोस्ट मार्टम रिपोर्ट क्यों नहीं हो रही कंप्यूटरीकृत टाइप

उच्च न्यायालय मुख्य सुर्खियां
एसीएस गृह, डीजीपी व डायरेक्टर मेडिकल हेल्थ से हाईकोर्ट ने मांगी सफाई

आगरा/प्रयागराज 08 नवंबर ।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार द्वारा शारीरिक क्षति व पोस्ट मार्टम रिपोर्ट को कंप्यूटरीकृत टाइप करने के दिये गए आश्वासन का पालन न करने को गंभीरता से लिया है।

अपर मुख्य सचिव गृह उ प्र लखनऊ, डीजीपी लखनऊ, डायरेक्टर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उ.प्र. को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है कि, वसीम केस में सरकार द्वारा 14 बार आश्वासन दिया गया कि रिपोर्ट कंप्यूटर से टाइप होगी, किन्तु उसका पालन क्यों नहीं किया जा रहा है ?याचिका की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने एक दुष्कर्म मामले में दाखिल आपराधिक पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

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याचिका में कहा गया कि पीड़िता से दुष्कर्म के आरोप की मेडिकल रिपोर्ट से समर्थन नहीं मिला है। जब कोर्ट ने रिपोर्ट देखी तो वह डॉक्टर के हस्तलेख में थी।और पठनीय नहीं थी। कोर्ट ने अपर शासकीय अधिवक्ता से पढ़ने को कहा वह भी पढ़ने में असमर्थ रहे।

कोर्ट ने कहा कि वसीम केस की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से मेडिकल रिपोर्ट व पोस्ट मार्टम रिपोर्ट कंप्यूटर से टाइप कराई जायेगी। किंतु इसका पालन नहीं किया जा रहा जिस पर अधिकारियों से सफाई मांगी है।

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मनीष वर्मा
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