आगरा 20 सितंबर।
योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के तेजोमहादेव केस संख्या-197/2024, श्रीभगवान श्री तेजोमहादेव@तेजोलिंग महादेव आदि बनाम सचिव संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार आदि की सुनवाई सिविल जज (जू डि)-6 आगरा के माननीय न्यायाधीश श्रीमती शिखा सिंह के न्यायालय में हुई।
वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि पिछली तिथि 23 अगस्त को विपक्षी संख्या तीन अधीक्षण पुरातत्वविद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग आगरा सर्किल के अधिवक्ता ने कहा कि विपक्षी संख्या-1,2 व 3 भारत सरकार के अधीन कार्य करने वाले अधिकारी है और विधिक व्यक्ति नहीं है।
जिस कारण इनको पक्षकार मुकद्दमा नहीं बनाया जा सकता। इस आधार पर केस खारिज करने की प्रार्थना की थी। वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि आज उन्होंने पुरातत्व विभाग के प्रार्थना पत्र पर आपत्ति दाखिल की व दौरान बहस माननीय न्यायालय को बताया कि उन्होंने धारा – 80(1) सिविल प्रक्रिया संहिता के अधीन दी गयी विधिक प्रक्रिया का पालन किया है।

नोटिस लोक सेवको को दिए है और सभी विपक्षीगण धारा 2(17) सिविल प्रक्रिया संहिता के अधीन लोक सेवक की श्रेणी में आते है । सभी विपक्षीगणो के कार्य व आचरण वाद संपत्ति तेजोमहालय को विरूपित कर क्षति पहुँचाने के है। जिस कारण इस केस में सभी विपक्षीगणो का दायित्व बनता है।
उन्होंने नियमानुसार सभी विपक्षीगणो को नोटिस भेजे जिसका उन्होंने तय समय सीमा में कोई जबाब नहीं दिया । अभी तक विपक्षी संख्या 1 व 2 की तरफ से माननीय न्यायालय में कोई उपस्थित नहीं हुआ है और न ही वकालतनामा पत्रावली में लगा है।
विपक्षी संख्या 3 के अधिवक्ता को विपक्षी संख्या 1 व 2 पक्ष रखने का कोई विधिक अधिकार नहीं है।
माननीय न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनते हुए सुनवाई की अगली तिथि 27 सितम्बर नियत की है।
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