आगरा में 15 नवंबर 2018 को युवती से शादी का झांसा देकर शारीरिक संबध बनाने को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना दुष्कर्म

उच्च न्यायालय मुख्य सुर्खियां
हाई कोर्ट का आरोपी को राहत देने से इंकार।
कोर्ट ने माना रिश्ते की शुरुआत धोखाधड़ी पर आधारित है। इसलिए प्रथम दृष्टया दुष्कर्म का अपराध

आगरा /प्रयाग राज 12 सितंबर ।

सहमति से संबंध के आधार पर पुलिस चार्जशीट को रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी।

यह आदेश न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने राघव कुमार की याचिका पर दिया है। महिला थाना, आगरा में 15 नवंबर 2018 को याची के खिलाफ शिकायतकर्ता युवती ने
दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की।

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दोनों आगरा में एक साथ पढ़ते थे और एक-दूसरे से मिलते रहते थे। युवती का आरोप है कि राघव ने उसे अपने घर बुलाया और चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे
पिलाया।

इसके बाद उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया। इस घटना का वीडियो व फोटो भी बना लिया। कहा उससे शादी करो नहीं तो फोटो वायरल कर बदनाम कर देंगे। ऐसे में मजबूर होकर शादी के लिए तैयार हो गई।

इस दौरान कई बार शादी के झांसे में रख शारीरिक संबंध बनाया। बाद में शादी से करने से इन्कार कर दिया। पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया, जिसे चुनौती दी गई थी।

याची का कहना था कि दोनों एक-दूसरे को जानते थे। आपसी सहमति से संबंध बनाए और यह लंबे समय तक चलता रहा।

सहमति से बने संबंध मामले में दुष्कर्म के आरोप में कार्रवाई नहीं की जा सकती।

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अपर शासकीय अधिवक्ता ने कहा रिश्ते की शुरुआत धोखाधड़ी पर आधारित है।

इसलिए प्रथम दृष्टया दुष्कर्म का अपराध बनता है।

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मनीष वर्मा
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