87 वर्षीय आरोपी 40 वर्ष बाद एक वर्ष की सदाचार की परिवीक्षा पर हुआ रिहा

न्यायालय मुख्य सुर्खियां
आरोपी के विरुद्ध सहकारी समिति के सचिव ने वर्ष 1984 में दर्ज कराया था मुकदमा
आरोपी पर गबन एवं सबूत नष्ट करने का था आरोप
अदालत ने दोषी पाने के बाद भी जेल की सजा ना दे परिवीक्षा पर किया रिहा

आगरा 30 जनवरी ।

गबन एवं सबूत नष्ट करने के मामले मे आरोपित 87 वर्षीय बुजुर्ग विनोद बिहारी दुबे पुत्र स्व.राजाराम दुबे निवासी मानीमउ, थाना कन्नौज जिला फर्रुखाबाद को दोषी पाने के बाद भी जेल की सजा ना देते हुए एसीजेएम 2 माननीय बटेशवर कुमार ने 40 वर्ष बाद एक वर्ष की परिवीक्षा पर रिहाई के आदेश दिये।

थाना डौकी में दर्ज मामले के अनुसार सहकारी समिति बमरौली कटारा के सचिव केंद्रपाल सिंह निवासी सासनी जिला अलीगढ़ ने थाना डौकी पर तहरीर दें आरोप लगाया था कि वह अपने क्षेत्र में स्थित सहकारी समिति द्वारा संचालित उपभोक्ता वस्तुओं मिट्टी का तेल, चीनी आदि को ग्रामीण क्षेत्रों की समितियों को विक्रय करने हेतु प्रदान करता है।

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10 मार्च 1984 को उसनें 51 कुंटल चीनी एवं 4 हजार लीटर मिट्टी का तेल ग्रामीणों को वितरित करनें हेतु सेल मेन विनोद बिहारी दुबे को दिया था। आरोपी द्वारा पूरा समान बेच उसकी रकम सहकारी समिति के खाते में जमा नहीं करा, उक्त धनराशि को स्वयं हड़प लिया था ।

वादी की तहरीर पर आरोपी के विरुद्ध गबन एवं सबूत नष्ट करने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ, एसीजेएम 2 माननीय बटेशवर कुमार ने 40 वर्ष चले विचारण उपरांत 87 वर्षीय आरोपी को दोषी पाने के बाबजूद भी उसे जेल की सजा ना दे एक वर्ष की सदाचार की परिवीक्षा पर रिहाई के आदेश दिये।अदालत नें आदेश में कहा इस दौरान आरोपी किसी अपराध में संलिप्त नहीँ हो परिशांति बनायें रखेगा अन्यथा आरोपी को सजा भुगतने हेतु अदालत में उपस्थित होने को बाध्य होना पड़ेगा।

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विवेक कुमार जैन
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