आगरा।
आगरा जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग (प्रथम) के अध्यक्ष माननीय सर्वेश कुमार और सदस्य राजीव सिंह ने एक महत्वपूर्ण मामले में ओरियन्टल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को सेवा में कमी का दोषी मानते हुए, 15 साल से अधिक चले आ रहे एक विवाद का पटाक्षेप कर दिया।
आयोग के आदेश के बाद बीमा कंपनी द्वारा जमा कराई गई ₹ 1,49,560/- (एक लाख उन्चास हजार पाँच सौ साठ रुपये) की राशि परिवादी अतुल कुमार को चेक के माध्यम से भुगतान कर दी गई, जिसके साथ ही निष्पादन कार्यवाही समाप्त हो गई।
मामला और विवाद की पृष्ठभूमि:
परिवादी अतुल कुमार, पुत्र श्री रघुवीर सिंह, ने अपनी टाटा सूमो (संख्या एच.आर.37/बी-0858) का बीमा ओरियन्टल इंश्योरेंस कंपनी से कराया था।
बीमा अवधि (18.10.2004 से 17.10.2005) के दौरान, यह वाहन 03 दिसंबर 2004 को फिरोजाबाद जिले के नारखी थाना क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
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परिवादी ने क्लेम के लिए सभी दस्तावेज बीमा कंपनी को सौंप दिए। हालांकि, बीमा कंपनी ने 08 जुलाई 2005 को यह कहते हुए क्लेम खारिज कर दिया कि वाहन चालक वीरेश कुमार का ड्राइविंग लाइसेंस भारी वाहन (Heavy Vehicle) चलाने के लिए वैध नहीं था, बल्कि केवल हल्के वाहन (Light Motor Vehicle – Private) के लिए ही वैध था।
इस पर अतुल कुमार ने वर्ष 2006 में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम (प्रथम) आगरा में परिवाद संख्या 359/2006 दायर किया।
जिला उपभोक्ता आयोग का फैसला:
कई वर्षों तक चली सुनवाई के बाद, जिला फोरम (प्रथम) आगरा ने 26 फरवरी 2010 को अपना निर्णय सुनाया। फोरम ने पाया कि बीमा होना और वाहन का दुर्घटनाग्रस्त होना विपक्षी कंपनी को स्वीकार था। अतः, क्षतिपूर्ति का भुगतान न करना सेवा में कमी है।
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आयोग ने बीमा कंपनी के सर्वेयर द्वारा अनुमानित क्षति राशि (₹ 53,804/-) को खारिज करते हुए, मरम्मत के बिलों (₹ 1,12,253/-) के आधार पर, साल्वेज की 10% कटौती के बाद ₹ 1,01,028/- (एक लाख एक हजार अट्ठाईस रुपये) की राशि क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाना उचित समझा।
आयोग ने ओरियन्टल इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिया था कि वह यह राशि परिवाद दाखिल होने की तिथि से 9% वार्षिक ब्याज के साथ, साथ ही ₹ 2,000/- वाद व्यय के रूप में, 45 दिनों के भीतर भुगतान करे।
ब्याज दर में संशोधन और अंतिम भुगतान:
इस आदेश के विरुद्ध बीमा कंपनी द्वारा अपील दायर की गई। अपीलीय प्राधिकरण ने जिला उपभोक्ता आयोग के निर्णय एवं आदेश को संशोधित करते हुए, आदेशित राशि पर 9% वार्षिक ब्याज की देयता को घटाकर 6% वार्षिक ब्याज कर दिया, जबकि शेष आदेश यथावत् रखा गया।अंतिम भुगतान के लिए निष्पादन वाद संख्या- 57/2024 दायर किया गया।
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27 सितंबर 2025 को, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग (प्रथम) आगरा में निष्पादन कार्यवाही के दौरान, यह पुष्टि हुई कि बीमा कंपनी की ओर से ₹ 1,49,560/- की कुल राशि आयोग के खाते में जमा करा दी गई है।
आयोग ने जमा धनराशि का भुगतान परिवादी अतुल कुमार को एकाउन्ट पेई चेक के माध्यम से यथाशीघ्र करने का आदेश दिया। अतुल कुमार को भुगतान होने के बाद, आयोग ने निष्पादन कार्यवाही समाप्त कर दी।
Attachment/Order/Judgement – Atul kumar
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