“आख़िरी बार देखे जाने का सिद्धांत” अस्तित्व में नहीँ आने पर हत्या एवं सबूत नष्ट करने के तीन आरोपी हुए बरी

न्यायालय मुख्य सुर्खियां

आगरा 28 जनवरी ।

हत्या एवं सबूत नष्ट करने के मामले मे आरोपित यशपाल चंदन सिंह एवं भगवती को साक्ष्य के अभाव में एडीजें 17 माननीय नितिन कुमार ठाकुर ने बरी करने के आदेश दिये।

थाना अछनेरा में दर्ज मामले के अनुसार वादनी मुकदमा लज्जा देवी निवासनी ग्राम सहा ई थाना अछनेरा ने थाने पर तहरीर दें आरोप लगाया कि उसका 22 वर्षीय पुत्र महेश 16 जुलाई 2015 की दोपहर तीन बजें करीब आरोपी यशपाल पुत्र राकेश उर्फ गट्टा निवासी ग्राम नागर, थाना अछनेरा से मिलने जाने कि कह कर घर से गया था।

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वापस नहीं आने पर वादनी एवं अन्य नें उसकी तलाश की परन्तु सफलता नहीं मिली । 19 जुलाई 2015 को वादनी के पुत्र महेश की लाश ग्राम सहता में रज्जन के बाग के पीछे मिली। वादनी ने पूर्व रंजिश के चलते आरोपी चन्दन सिंह एवं भगवती निवासी गण ग्राम सहा ई एवं यशपाल के विरुद्ध अपने पुत्र की हत्या का शक जता मुकदमा दर्ज कराया ।

उक्त मामले में वादनी सहित 12 गवाह अदालत में पेश किये गये। एडीजे 17 माननीय नितिन कुमार ठाकुर ने परिस्थिति जन्य साक्ष्य से घटना की कड़ियाँ आपस में नहीँ जुड़ने एवं “आख़िरी बार देखे जाने का सिद्धांत” अस्तित्व में नहीँ आनें पर साक्ष्य के अभाव एवं आरोपियों कें अधिवक्ता महेंद्र बंसल, देवेश चौधरी एवं शहंशाह खान के तर्क पर आरोपियों को बरी करने के आदेश दिये।

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विवेक कुमार जैन
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