आगरा/प्रयागराज ९ जुलाई ।
उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) मुख्य परीक्षा 2022 में 50 अभ्यर्थियों की कॉपियां बदले जाने के कथित मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज महत्वपूर्ण सुनवाई हुई।
इस दौरान पूर्व चीफ जस्टिस गोविंद माथुर वाले आयोग द्वारा 3 जुलाई को पेश की गई सीलबंद रिपोर्ट को अदालत में खोला गया।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने इस रिपोर्ट का अवलोकन किया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) दोनों को कार्यालय से इस रिपोर्ट की प्रति लेने का निर्देश दिया है।
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साथ ही, अदालत ने दोनों पक्षों को तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पर अपना शपथ पत्र (एफिडेविट) दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 6 अगस्त को होगी।
याचिकाकर्ता श्रवण पांडे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी, अधिवक्ता शाश्वत आनंद और सौमित्र आनंद अदालत में उपस्थित हुए। वहीं, यूपीपीएससी की ओर से अधिवक्ता निशित यादव ने अपना पक्ष रखा।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट की अगली सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
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