सपा ब्लॉक प्रमुख मोहम्मद मुजफ्फर को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत

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आगरा/प्रयागराज: ५ जुलाई ।

समाजवादी पार्टी के ब्लॉक प्रमुख और गौतस्कर मोहम्मद मुजफ्फर को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने 6 मई को सुनवाई पूरी होने के बाद सुरक्षित रखा गया फैसला सुनाते हुए मोहम्मद मुजफ्फर की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। यह जमानत 2016 से जुड़े एक मामले में मिली है।

मोहम्मद मुजफ्फर, जो वर्तमान में कई अन्य मामलों में नैनी जेल में बंद हैं, को 15 अक्टूबर 2023 से जेल में रखा गया था। उन्हें यह जमानत नवाबगंज थाने में 2016 में दर्ज हुए एक मुकदमे के संबंध में मिली है।

यह एफआईआर गोवध निवारण अधिनियम की धारा 3/5ए /8 और आईपीसी की धारा 120 बी के तहत दर्ज की गई थी। मुजफ्फर नवाबगंज के कौड़िहार से सपा ब्लॉक प्रमुख हैं।

कोर्ट में मुजफ्फर के वकील की दलीलें:

मोहम्मद मुजफ्फर के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि उनके मुवक्किल को राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के तहत झूठे आरोप में फंसाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मुजफ्फर का नाम एफआईआर में नहीं था, और उसका नाम सह-आरोपी नूरैन उर्फ ​​नूरा के बयान पर 8 साल बाद सामने आया था। इसी बयान के आधार पर मुजफ्फर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। वकील ने यह भी बताया कि इस मामले में सभी सह-आरोपियों को जिला एवं सत्र न्यायालय प्रयागराज द्वारा पहले ही जमानत पर रिहा किया जा चुका है।

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सरकारी वकील का विरोध और कोर्ट का फैसला:

हालांकि, सरकारी वकील ने मुजफ्फर की जमानत याचिका का पुरजोर विरोध किया। सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि आवेदक के खिलाफ कुल 43 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें 15 मामले गोवध एक्ट, 4 मामले गैंगस्टर एक्ट, 5 मामले गुंडा एक्ट और कई अन्य मामले शामिल हैं।

जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की सिंगल बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मुजफ्फर को जमानत दे दी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सुनवाई में दिए गए तर्कों से यह पता चलता है कि वर्तमान मामले के अलावा आवेदक पर 43 अन्य मामलों में आपराधिक इतिहास दर्ज है। लेकिन तत्काल जमानत आवेदन में उसका पूरा आपराधिक इतिहास स्पष्ट किया गया है और यह पता चलता है कि सभी मामलों में आवेदक या तो जमानत पर है या जांच के बाद अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है।बता दें कि अक्टूबर 2024 में मोहम्मद मुजफ्फर समेत तीन के खिलाफ सोरांव पुलिस ने भी गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी।

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मनीष वर्मा
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