आगरा ९ मई ।
सिविल जज(सी०डि०) में दायर राणा सांगा केस अजय प्रताप सिंह आदि बनाम अखिलेश यादव आदि को 10 अप्रैल को निचली अदालत ने अपने आदेश द्वारा खारिज कर दिया था।
उस आदेश के विरुद्ध आज माननीय जिला जज न्यायालय,आगरा में सिविल रिवीजन दायर की गई। वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर, नरेश सिकरवार, एस पी सिंह सिकरवार न्यायालय में उपस्थित हुए।
दौरान बहस माननीय न्यायालय को अधिवक्ता शिव आधार तोमर ने बताया कि अवर न्यायालय द्वारा 10 अप्रैल को पारित आदेश नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध है।
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निचली न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि वह बयान संसद में दिया गया है जिसके एवज में वादीगण घोषणा चाहते है । लेकिन वाद पत्र में यह कहीं नहीं लिखा गया है कि वह बयान संसद में दिया गया है।
न्यायालय को बहस में बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने श्री हरि हनुमान दास तोतला आदि बनाम हेमंत विट्ठल कामत आदि के निर्णय में यह साफ साफ कहा है कि पोषणीयता केवल वादपत्र में लिखित कथनों के आधार पर तय होगी न कि अन्य किसी सबूत या लिखित जबाब के आधार पर और माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एम गुरुदास आदि बनाम रासराजन आदि के निर्णय में यह कहा है कि विवादित प्रश्नों के आधार पर किसी वाद को पोषणीयता के स्तर पर खारिज नहीं किया जा सकता है।
न्यायालय बहस की अगली तिथि 12 मई नियत की है । दौरान बहस वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर, एस पी सिंह सिकरवार, नरेश सिकरवार न्यायालय में उपस्थित रहे।
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