आगरा/प्रयागराज ११ अप्रैल ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निजी हित में अपने चचेरे भाई के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पांच हजार रुपये का हर्जाने के साथ खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की एकल पीठ ने राजधर की याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि याची का आचरण गंभीर चिंता का विषय है। वह बंचूराम का चचेरा भाई है, लेकिन उसने इस रिश्ते का खुलासा नहीं किया। एक व्यक्ति जो उसका रक्त संबंधी है, जिसकी वह शिकायत कर रहा है और इस तथ्य का खुलासा नहीं करता है, वह निश्चित रूप से व्यक्तिगत हित के लिए जनहित याचिका है।
कहा जिस भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग की गई थी, वह वास्तव में प्रतिवादी बंचूराम के सगे भाई रामराज को मछली पालन के लिए पट्टे पर दी गई थी। यह पट्टा 2017 से 2021 तक दिया गया था और बाद में पट्टा 2022 से 2033 तक दस वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया।
कोर्ट ने कहा कि यह याचिका भाई से प्रतिशोध लेने या किसी अन्य छिपे मकसद को पूरा करने के लिए दायर की गई है।
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