आगरा:
आगरा में एक अधिवक्ता पर जानलेवा हमला करने और दलित उत्पीड़न के आरोप में एक परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया है।
विशेष न्यायाधीश, एससी/एसटी एक्ट ने थाना न्यू आगरा के थानाध्यक्ष को आरोपित राजवीर सिंह बघेल, उनकी पत्नी श्रीमती मुन्नी देवी और उनके दो बेटों, रमाकांत और विजय कांत, के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच करने का निर्देश दिया है। ये सभी सूर्य नगर कॉलोनी, खंदारी के निवासी हैं।
यह मामला पीड़ित अधिवक्ता रामदत्त दिवाकर के पुत्र, मनीष कुमार दिवाकर द्वारा दायर एक प्रार्थना पत्र के बाद सामने आया।
मनीष ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत को बताया कि उनके पिता का 1 जुलाई 2025 को नाली के पानी की निकासी को लेकर उनके पड़ोसी राजवीर सिंह बघेल से विवाद हुआ था। उस समय, कॉलोनी के लोगों ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत करा दिया था।
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हालांकि, 4 जुलाई 2025 की रात करीब 9 बजे, जब उनके पिता रामदत्त दिवाकर खाना खाने के बाद सड़क पर टहल रहे थे, तभी आरोपी राजवीर सिंह बघेल ने उनसे गाली-गलौज और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। जब रामदत्त दिवाकर ने इसका विरोध किया, तो राजवीर सिंह बघेल, उनकी पत्नी और दोनों बेटों ने उन पर हमला कर दिया।
मनीष दिवाकर के अनुसार, आरोपियों ने उनके पिता को जान से मारने की नीयत से सड़क पर पटक दिया, जिससे उनके सिर में गंभीर चोट आई और उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया।
शोर सुनकर जब मनीष और उनके भाई सौरभ और अंकित अपने पिता को बचाने आए, तो आरोपियों ने उनके साथ भी मारपीट की और जातिसूचक शब्द कहे।
रामदत्त दिवाकर को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वे कई दिनों तक रहे।
विशेष न्यायाधीश, एससी/एसटी एक्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना न्यू आगरा को तुरंत मुकदमा दर्ज करने और नियमानुसार विवेचना करने का आदेश दिया है।
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