राजामंडी बाज़ार में हुए चर्चित हेमनदास हत्याकांड में कुख्यात प्रांजल, चेतन और प्रवीन को आजीवन कारावास, अवैध हथियार रखने के लिए भी सजा

न्यायालय मुख्य सुर्खियां

आगरा: ४ जून ।

राजामंडी बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष हेमनदास की 2014 में हुई निर्मम हत्या के चर्चित मामले में विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट माननीय पुष्कर उपाध्याय ने कुख्यात प्रांजल और उसके भाई प्रवीन व चेतन को आजीवन कारावास तथा 1.85 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

इन तीनों को हत्या, गाली-गलौज, धमकी और आयुध अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया है। जुर्माना अदा न करने पर उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। न्यायालय ने आदेश दिया है कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी और अभियुक्तों द्वारा जेल में बिताई गई अवधि उनकी सजा में समायोजित की जाएगी।

वहीं, इसी मामले में आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोपी सूरज और मोनू वर्मा को सबूतों के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया है।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुनाया गया फैसला:

आज बुधवार को सजा सुनाए जाने से पहले अदालत के बाहर विशेष सुरक्षा बल के जवान बड़ी संख्या में मौजूद थे। अदालत के आसपास से लोगों को हटा दिया गया था ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। आरोपियों की दहशत और पूर्व में हुई वादी की हत्या को देखते हुए, सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रखी गई थी।

मामले की पृष्ठभूमि:

यह मामला 2014 में थाना शाहगंज, आगरा में दर्ज मु0अ0सं0 798/2014 से संबंधित है, जिसमें अभियुक्तों प्रांजल, चेतन और प्रवीन पर सुशील के पिता हेमनदास को गाली-गलौज देने, जान से मारने की धमकी देने और प्रांजल द्वारा तमंचे से गोली मारकर उनकी हत्या करने का आरोप था। अभियोजन पक्ष ने यह भी बताया कि इस मामले के मूल वादी सुशील की भी विचारण के दौरान हत्या कर दी गई थी, जिसका मुकदमा वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है।

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अभियुक्तों और अभियोजन पक्ष की दलीलें:

दोषसिद्धि के बाद, सजा पर बहस के दौरान, अभियुक्तों ने अपनी कम उम्र, साधारण सामाजिक पृष्ठभूमि, शिक्षा का निम्न स्तर और परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी का हवाला देते हुए कम से कम सजा की अपील की। प्रांजल ने बताया कि उनकी उम्र 36 वर्ष है, वह अविवाहित हैं और कक्षा 12 तक पढ़े हैं। चेतन (33 वर्ष, कक्षा 8 पास) ने अपनी पत्नी और चार महीने के पुत्र पर अपनी निर्भरता का उल्लेख किया, जबकि प्रवीन (34 वर्ष, कक्षा 8 पास) ने अपनी विधवा मां के भरण-पोषण की जिम्मेदारी बताई।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि अभियुक्त युवा हैं, पहली बार किसी मामले में दोषी ठहराए गए हैं और उनका भविष्य देखते हुए उन्हें न्यूनतम दंड दिया जाना चाहिए।

हालांकि, अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी, हेमन्त दीक्षित ने अभियुक्तों को “अत्यंत शातिर किस्म के अपराधी” बताते हुए अधिकतम दंड की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि अभियुक्तों का क्षेत्र में आतंक था, जिससे लोगों का जीवन दूभर हो गया था। उन्होंने बताया कि अभियुक्तों के कब्जे से अवैध तमंचे बरामद हुए थे और उनके द्वारा किया गया अपराध “अत्यंत गंभीर एवं संगीन प्रकृति” का है।

न्यायालय का निर्णय:

विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट माननीय पुष्कर उपाध्याय ने 31 मई को आरोपी प्रांजल, चेतन और प्रवीन को हत्या, आयुध अधिनियम, गाली-गलौज और धमकी देने के मामले में दोषी पाया और उन्हें जेल भेजने के आदेश दिए थे।

बुधवार, 4 जून को अदालत में पत्रावली पेश हुई। आरोपियों की ओर से कम से कम सजा की अपील की गई, जबकि अभियोजन पक्ष ने अधिकतम सजा की प्रार्थना की।

न्यायालय ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने और पत्रावली का अवलोकन करने के बाद यह पाया कि अभियुक्त युवा हैं और कम पढ़े-लिखे साधारण सामाजिक परिवेश के व्यक्ति हैं।

न्यायालय ने यह भी नोट किया कि अभियोजन पक्ष ऐसा कोई सबूत प्रस्तुत नहीं कर पाया जिससे यह साबित हो सके कि अभियुक्तों को पहले किसी अन्य मामले में दोषी ठहराया गया था।

न्यायालय ने माना कि यह मामला “विरल से विरलतम” श्रेणी में नहीं आता है, इसलिए अभियुक्तों को मृत्युदंड देना न्यायसंगत नहीं होगा। हालांकि, अपराध की गंभीरता को देखते हुए, न्यायालय ने उन्हें उपरोक्त सजाएं सुनाईं।

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अन्य निर्देश:

* सत्र परीक्षण सं0 129/2015 में दोषमुक्त किए गए अभियुक्त सूरज और मोनू वर्मा को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 437ए के तहत ₹50,000-₹50,000 के दो-दो जमानतदार और समान धनराशि का व्यक्तिगत बंधपत्र तुरंत प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।

* अभियुक्तों पर अधिरोपित अर्थदंड की आधी धनराशि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 357 के प्रावधानों के तहत मृतक हेमनदास की पत्नी और उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को मुआवजे के रूप में समान रूप से प्रदान की जाएगी।

* बरामद तमंचे अपील की अवधि के बाद नियमानुसार नष्ट किए जाएंगे और बरामद कारतूस राज्य के हक में जब्त किए जाएंगे।

* दोषसिद्ध अभियुक्त प्रांजल को जिला कारागार, कन्नौज, और चेतन व प्रवीन को जिला कारागार, आगरा में सजा भुगतने के लिए तुरंत भेजा जाएगा।

* अभियुक्तों को निर्णय की एक-एक निःशुल्क प्रति तुरंत प्रदान की जाएगी।

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विवेक कुमार जैन
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