Featured Video Play Icon

इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के तत्वाधान में हुई आयोजित “न्यायपालिका में जवाबदेही और पारदर्शिता “ विषय पर नेशनल कॉन्फ्रेंस

उच्च न्यायालय मुख्य सुर्खियां

आगरा/प्रयागराज २६ अप्रैल ।

न्यायपालिका में जवाबदेही और पारदर्शिता के विषय पर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के तत्वावधान में शनिवार को एक दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस आयोजित की गई । एनसीजेडसीसी में आयोजित हुई नेशनल कांफ्रेंस में देश के लगभग सभी हाईकोर्टों के बार एसोसिएशन के आए पदाधिकारियों ने न्यायपालिका के प्रति वादकारियों का विश्वास बना रहे इसके लिए अकाउंटबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी पर जोर दिया । इस कांफ्रेंस में जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम सिस्टम की खामियों पर जहां चर्चा की गई। वही अंकल जजेज सिंड्रोम की भी अधिवक्ताओं ने तीखी आलोचना की।

न्यायपालिका में “जवाबदेही और पारदर्शिता” के विषय पर आयोजित एक दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस में शिरकत करने पहुंचे बार काउंसिल आफ इंडिया के सदस्य श्रीनाथ तिवारी ने इसे ऐतिहासिक कॉन्फ्रेंस बताया है। ‌उन्होंने बार काउंसिल आफ इंडिया की ओर से इस कांफ्रेंस का समर्थन भी किया है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में पारदर्शिता लाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस रहे यशवंत वर्मा के घर पर जो नोट जले मिले थे उसे लेकर आज तक लोगों को नहीं पता चला कि वह नोट किसके थे और किसने रखा था। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में पारदर्शिता की बात यशवंत वर्मा के बहाने उठी है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति पर बार एसोसिएशन से भी राय ली जानी चाहिए। यह तय किया जाना चाहिए कि जिस व्यक्ति की जज के रूप में तैनाती की जा रही है वह फैसला देने में सक्षम है कि नहीं। ‌उन्होंने कहा है कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इस मुद्दे को आगे उठा रहा है तो बार काउंसिल आफ इंडिया इसका समर्थन करेगा। ‌उन्होंने कहा कि ऐसी चर्चाएं हर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन को प्रत्येक महीने करनी चाहिए।

Also Read – इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि कानपुर के जज फैसला करने के काबिल नही

वहीं न्यायपालिका में जवाब देही और पारदर्शिता विषय पर आयोजित नेशनल कांफ्रेंस की अध्यक्षता कर रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सीनियर एडवोकेट अनिल तिवारी ने इस कांफ्रेंस को न्यायपालिका में जवाबदेही और पारदर्शिता तय करने के लिए तूफान करार दिया है। उन्होंने कहा है कि इस कांफ्रेंस में देश की हर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मौजूद हैं। उन्होंने कहा है कि इस कांफ्रेंस में पूरा हिंदुस्तान इकट्ठा है और सिर्फ एक आवाज उठ रही है कि न्यायपालिका भ्रष्टाचार से मुक्त हो। उन्होंने कहा कि सबकी यही आवाज है कि लोगों का विश्वास कैसे न्यायपालिका में बना रहे। उन्होंने कहा कि हम अधिवक्तागण वादकारियों का न्यायपालिका में भरोसा बना रहे इसी की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा है कि इस कांफ्रेंस के बाद एक प्रस्ताव पास किया जाएगा। जिसकी प्रति हिंदुस्तान की हर अदालत के जजों के पास भेजी जाएगी ।

उन्होंने कहा कि जस्टिस जसवंत वर्मा के मुद्दे पर भी कॉन्फ्रेंस में चर्चा हो रही है और उनके खिलाफ भी प्रस्ताव पास होगा। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा है कि हमारी मांग है कि कॉलेजियम सिस्टम वापस होना चाहिए। क्योंकि कॉलेजियम सिस्टम भाई भतीजावाद से पीड़ित है। उन्होंने इस बात का विरोध किया है कि कॉलेजियम सिस्टम में सिर्फ जज फैमिली को ही जज बनाया जा रहा है। जबकि आम अधिवक्ताओं को जज बनने के लिए योग्यता के बावजूद मौका नहीं मिलता है।

उन्होंने कहा कि जजों की जवाबदेही तय करने की जो बात उठी है। उससे कॉलेजियम के ऊपर एक और अकाउंटबिलिटी कॉलेजियम बननी चाहिए जिसमें सिर्फ वकील हों। हर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के लोग इसमें शामिल हों। यह कमेटी तय करेगी कि जज की अकाउंटेबिलिटी स्टैंडर्ड क्या हो ? उन्होंने कहा कि ज्यूडिशियल जजमेंट से सुप्रीम कोर्ट को अकाउंटबिलिटी कॉलेजियम कांस्टीट्यूट करना चाहिए।

Byte : श्रीनाथ तिवारी, सदस्य, बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया।

Byte : अनिल तिवारी, सीनियर एडवोकेट इलाहाबाद हाईकोर्ट एवं अध्यक्ष हाकोर्ट बार एसोसिएशन।

Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp  – Group BulletinChannel Bulletin
मनीष वर्मा
Follow Me

1 thought on “इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के तत्वाधान में हुई आयोजित “न्यायपालिका में जवाबदेही और पारदर्शिता “ विषय पर नेशनल कॉन्फ्रेंस

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *