डीजीपी ने मांगी माफी मांगी और रांची में यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया
न्यायमूर्ति ने कहा कि यह एक न्यायाधीश की सुरक्षा में गंभीर चूक, सुरक्षा कवर केवल राजनेताओं और नेताओं के लिए है
आगरा/रांची 29 अगस्त ।
झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश माननीय संजय कुमार द्विवेदी ने रांची के खराब यातायात प्रबंधन पर निराशा व्यक्त की है। मंगलवार को उन्होंने पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को अदालत में पेश होने के लिए तलब किया।
न्यायमूर्ति द्विवेदी ने राजधानी में यातायात को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में असमर्थता के लिए प्रशासन की आलोचना की है।
23 अगस्त को जस्टिस द्विवेदी अपने घर से आते समय मुख्यमंत्री के आवास के सामने काफी देर तक ट्रैफिक में फंसे रहे। विपक्षी भाजपा की युवा शाखा की विरोध रैली ने काफी दिक्कत पैदा की थी।
उन्होंने कहा,
“यह एक न्यायाधीश की सुरक्षा में गंभीर चूक लगती है। सुरक्षा कवर केवल राजनेताओं और नेताओं के लिए है।”
न्यायाधीश ने इस बात पर जोर दिया कि अगर उन्हें अपने कार्यस्थल तक पहुंचने में इतनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, तो आम नागरिकों को इससे भी ज्यादा परेशानी हो रही होगी।
उन्होंने कहा कि पुलिस को सड़क पर अपने कर्तव्यों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। न्यायमूर्ति द्विवेदी के अनुसार, ऐसा लगता है कि व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो गई है।
अदालत के समक्ष उपस्थित हुए डीजीपी गुप्ता ने इसके लिए माफी मांगी और आश्वासन दिया कि रांची में यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
मोराबादी मैदान के नजदीक कांके रोड पर मुख्यमंत्री के आवास के पास भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, जहां प्रदर्शनकारी एकत्र हुए थे।
झारखंड पुलिस ने 23 अगस्त को हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान बैरिकेड्स तोड़ने वाले भारतीय जनता युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले, पानी की बौछारें और रबर की गोलियां चलाईं। वे कथित अन्याय और अधूरे चुनावी वादों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
न्यायमूर्ति द्विवेदी ने सवाल उठाया कि
जब कांके रोड पर कोई प्रदर्शन नहीं हुआ तो वहां इतनी भारी पुलिस बल की मौजूदगी क्यों थी ?
उन्होंने आदेश दिया कि आज की अदालती कार्यवाही को यातायात प्रबंधन पर एक जनहित याचिका के हिस्से के रूप में विचार के लिए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।
यातायात प्रबंधन से संबंधित एक जनहित याचिका पहले से ही उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष लंबित है।
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न्यायाधीश की टिप्पणियों और आज की कार्यवाही को आगे की कार्रवाई के लिए इस चल रहे मामले में शामिल किए जाने की उम्मीद है।
( पीटीआई से साभार )
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