आगरा 17 सितंबर ।
योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के श्रीकृष्ण विग्रह केस संख्या-659/2023, श्री भगवान श्रीकृष्ण लला विराजमान आदि बनाम उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड आदि में सर्वे पर आज सुनवाई टल गई।
केस में विपक्षी संख्या-2 जामा मस्जिद के अधिवक्ता रईसुद्दीन व विपक्षी संख्या-3 भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिवक्ता विवेक शर्मा ने माननीय न्यायालय से सर्वे प्रार्थना पत्र पर आपत्ति दाखिल करने का समय मांगा जिस पर वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने न्यायालय को बताया कि सर्वे प्रार्थना पत्र 15 मार्च से विचाराधीन है लेकिन अभी तक विपक्षी जामा मस्जिद ने आपत्ति दाखिल नहीं की जो कि जामा मस्जिद पक्ष की मामले को लटकाने की मंशा को जाहिर करती है।

विपक्षी संख्या 2 जामा मस्जिद के अधिवक्ता लगातार न्यायालय को गुमराह कर रहे है उन्होंने न्यायालय में शपथ पत्र दिया है कि वह वर्तमान में असलम कुरैशी जामा मस्जिद का प्रबंधन देख रहे है।
जबकि जामा मस्जिद का प्रबंधन जाहिद कुरैशी की इंतजामिया कमेटी देख रही है। यह स्वयं में एक अपराध है। वादी अधिवक्ता ने न्यायालय सर्वे के संबंध में आर्डर 26 नियम 10A सिविल प्रक्रिया संहिता की स्थित स्पष्ट की कि आर्डर 26 नियम 10A CPC में वैज्ञानिक सर्वे करने के लिए न्यायालय को किसी भी व्यक्ति को अपने विवेकानुसार आदेश जारी कर सकता है।
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यह जरुरी नहीं कि वह व्यक्ति केस में पक्षकार हो, यह न्यायालय की शक्ति है वह मामले की तथ्यों व परिस्थितियों के अनुसार किसी भी व्यक्ति को सर्वे के लिए आदेश जारी कर सकता है।
लघुवाद न्यायालय, न्यायाधीश माननीय मृत्युंजय श्रीवास्तव ने सभी विपक्षीगणो को सर्वे प्रार्थना पत्र पर आपत्ति दाखिल करने का अंतिम अवसर देते हुए 30 सितम्बर अगली तिथि नियत की है।
वही देवकीनंदन ठाकुर के श्रीकृष्ण विग्रह केस में पुरातत्व विभाग ने आपत्ति प्रार्थना पत्र दाखिल किया कि पुरातत्व विभाग को गलत नाम से विपक्षी बनाया गया है। विपक्षी संस्कृति मंत्रालय है जिस पर न्यायालय ने सुनवाई की अगली तिथि 30 सितम्बर नियत की है।

वही अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या 21 में विचाराधीन श्रीकृष्ण विग्रह केस में कामरेड भजनलाल की विपक्षी बनने की रिवीजन को न्यायालय ने खारिज कर दिया।
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