आगरा / नई दिल्ली 16 सितंबर ।
दिल्ली हाईकोर्ट ने ईदगाह रोड स्थित कब्रिस्तान में कथित अवैध निर्माण और अलगाव के मामले में दिल्ली सरकार और दिल्ली वक्फ बोर्ड से जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि कब्रिस्तान की जमीन पर धोखाधड़ी से कब्जा किया गया है और वहां निर्माण कार्य किया जा रहा है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को तय की है।
Also Read - सरकारी नौकरी : जम्मू-कश्मीर एवम लद्दाख हाईकोर्ट में निकली 283 पदों पर भर्ती
दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने याचिका पर दिल्ली सरकार, दिल्ली वक्फ बोर्ड (Delhi Waqf Board), दिल्ली नगर निगम और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि संपत्ति पर किया जाने वाला कोई भी निर्माण अदालत के अगले आदेश के अधीन होगा और निर्देश दिया कि शीर्षक के संबंध में यथास्थिति बनाए रखी जाएगी।
Also Read - वकीलों के झूठे बयानों से विश्वास डगमगा जाता है : सुप्रीम कोर्ट
याचिकाकर्ता मोहम्मद मजहर अहमद ने दलील दी कि ईदगाह रोड पर स्थित कब्रिस्तान अहाता बदरुद्दीन एक अधिसूचित वक्फ संपत्ति है।
संपत्ति को धोखाधड़ी के लेन-देन किया अलग
अधिवक्ता एम सूफियान सिद्दीकी के माध्यम से पेश याचिकाकर्ता ने दावा किया कि संपत्ति को धोखाधड़ी वाले लेन-देन के माध्यम से अलग किया गया है, जिसके परिणाम स्वरूप इस पर अनधिकृत निर्माण हुआ है और परिसर में कब्रों को अपवित्र किया गया है।

अधिवक्ता ने दलील दी कि वक्फ अधिनियम का प्रावधान वक्फ संपत्ति के किसी भी प्रकार के अलग किए जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाता है और इसलिए अलग किए जाने के संबंध में प्रतिवादियों की ओर से चुप्पी उचित नहीं है।
Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp – Group Bulletin & Channel Bulletin
- आगरा में मां की निर्मम हत्या के आरोपी पुत्र को आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा - October 25, 2025
- आगरा अदालत में गवाही के लिए हाजिर न होने पर विवेचक पुलिस उपनिरीक्षक का वेतन रोकने का आदेश - October 25, 2025
- 25 साल बाद फिरौती हेतु अपहरण के 6 आरोपी बरी, अपहृत ने नकारी गवाही - October 25, 2025






