आगरा/नई दिल्ली 12 नवंबर ।
सर्वोच्च न्यायालय में चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया की शपथ लेने वाले के बाद न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की प्राथमिकताएं नागरिकों के लिए समझने योग्य निर्णय बनाना और मध्यस्थता को बढ़ावा देना होंगी।
वर्तमान चुनौतियों का समाधान करते हुए चीफ जस्टिस ने लंबित मामलों को कम करने, मुकदमेबाजी को अधिक किफायती और सुलभ बनाने तथा जटिल कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में भारत के 51वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली।
Also Read – तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए मौखिक उल्लेख नहीं, ईमेल या लिखित पत्र द्वारा अनुरोध भेजें: सीजेआई संजीव खन्ना
लोकतंत्र के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में न्यायपालिका का नेतृत्व करने पर गहरा सम्मान व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा:
“न्यायपालिका हमारी शासन प्रणाली का एक अलग और स्वतंत्र घटक है, जिसे संविधान द्वारा संवैधानिक संरक्षक, मौलिक अधिकारों के रक्षक और न्याय प्रदान करने का कर्तव्य सौंपा गया है।”
न्याय प्रणाली को दिशा देने वाले मूल सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा,
“न्याय प्रदान करने के लिए समान व्यवहार, पद, धन या शक्ति के बावजूद सफलता के लिए उचित अवसर और निष्पक्ष न्याय की आवश्यकता होती है।”
जस्टिस खन्ना ने इस बात पर जोर दिया कि यह जिम्मेदारी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने और विवादों को सुलझाने के लिए न्यायपालिका की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
उन्होंने कहा,
“यह सुनिश्चित करना हमारा संवैधानिक कर्तव्य है कि हमारे देश में सभी नागरिकों को न्याय सुलभ हो।”
नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ उन्होंने उत्तरदायी, प्रतिक्रिया-संचालित दृष्टिकोण अपनाते हुए अदालतों को अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने की योजनाओं की रूपरेखा तैयार की।
इसके अतिरिक्त, चीफ जस्टिस ने आपराधिक मामले प्रबंधन में सुधार के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य व्यवस्थित उपायों के माध्यम से परीक्षण की अवधि को कम करना है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कानूनी प्रक्रिया सभी नागरिकों के लिए सीधी और सुलभ बनी रहे।
Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp – Group Bulletin & Channel Bulletin
साभार: लाइव लॉ
- पंद्रह वर्ष बाद डाक्टर की गवाही एवं अधिवक्ता के तर्क पर चाचा की हत्या का 75 वर्षीय आरोपी बरी - December 23, 2024
- दो सगे भाइयों के दुहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले हत्या एवं आयुध अधिनियम के आरोपी पुलिस की लापरवाही पर बरी - December 23, 2024
- श्रीकृष्ण विग्रह केस की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी - December 23, 2024