आगरा 10 दिसम्बर ।
छह वर्षीया अबोध बालिका से दुराचार एवं पॉक्सो एक्ट में आरोपित बाल अपचारी को वादनी एवं उसके पति के पूर्व गवाही से मुकरने पर प्रधान मजिस्ट्रेट माननीय गरिमा सक्सेना एवं सदस्य द्वय नरेंद्र कुमार पचौरी एवं जया चतुर्वेदी ने सबूत के अभाव में बरी करने के आदेश दिये है ।
थाना बासोनी में दर्ज मामले के अनुसार वादनी मुकदमा 31 अक्टूबर 2018 को कार्य वश पिनाहट जाने के कारण अपनी 6 वर्षीया पुत्री को देखभाल हेतु पड़ोसन कें यहां छोड़ गई थी। बाल अपचारी ने वादनी की पुत्री के साथ दुराचार करने पर वादनी की तहरीर पर आरोपी के विरुद्ध दुराचार एवं पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।
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अभियोजन की तरफ से गवाही हेतु वादनी मुकदमा उसके पति एवं पीड़िता को अदालत में पेश किया गया । पीड़िता द्वारा ना समझ होने के कारण बयान देने में असमर्थ रहने एवं वादनी मुकदमा एवं उसके पति द्वारा अपने पूर्व बयान से मुकरनें पर सबूत के अभाव एवं बाल अपचारी के अधिवक्ता घनश्याम सिंह के
तर्क पर किशोर न्याय बोर्ड नें बाल अपचारी को बरी करने के आदेश दिये।
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