इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि ‘लंबी अवधि’ तक सेक्स से इन्कार करना बन सकता है विवाह विच्छेद का आधार

उच्च न्यायालय मुख्य सुर्खियां

आगरा/प्रयागराज 10 नवंबर ।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि लंबे समय तक यौन संबंध से इन्कार करने के आधार पर विवाह विच्छेद की मांग की जा सकती है।

न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह तथा न्यायमूर्ति डोनादी रमेश की खंडपीठ ने कहा कि पक्षकार किस प्रकार की शारीरिक अंतरंगता बनाए रख सकते हैं। यह मुद्दा न्यायिक निर्धारण का विषय नहीं है। वैवाहिक संबंध में रहने वाले दोनों पक्षों के बीच निजी संबंध की सटीक प्रकृति के बारे में कोई नियम बनाना कोर्ट का काम नहीं है। यौन संबंध से इन्कार करने के आधार पर विवाह विच्छेद की मांग करने के लिए इस तरह की घटना को लंबे समय तक लगातार अस्तित्व में होना चाहिए।

Also Read – ‘हम यहां केवल यात्री के रूप में हैं, अपना काम करेंगे और चले जाएंगे’: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा सुप्रीम कोर्ट को अलविदा

कोर्ट ने यह टिप्पणी एक पति द्वारा दायर अपील को खारिज करते हुए की है। जिसमें उसने मिर्जापुर के पारिवारिक न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी थी। जिसमें उसकी तलाक की अर्जी को खारिज कर दिया गया था।

याची पेशे से डॉक्टर है दोनों की शादी जून 1999 में हुई थी। उनके दो बच्चे हैं, जिनमें से एक अपने पिता के साथ रहता है और दूसरा अपनी माँ के साथ। जबकि पति-अपीलकर्ता का दिल्ली में अपना निजी क्लीनिक है। उसकी पत्नी (प्रतिवादी) भारतीय रेलवे से सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। शादी के 9 साल बाद पति ने क्रूरता के आधार पर तलाक का केस मिर्जापुर परिवार अदालत में दायर किया।

Also Read – मुझे इतना साहस है कि मैं हर तरह की आलोचना को स्वीकार कर सकता हूं: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

पति ने आरोप लगाया गया कि उसकी पत्नी ने एक धार्मिक गुरु के प्रभाव में आकर यौन संबंध बनाने से इन्कार कर दिया। वहीं पत्नी ने आरोपों से इन्कार करते हुए कहा कि दो बच्चों के जन्म से यह साबित होता है कि उनके बीच सामान्य और स्वस्थ संबंध थे।

कोर्ट ने कहा कि साक्ष्य से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि दोनों पक्षों के बीच सामान्य वैवाहिक संबंध था जिसमें विवाह के दो वर्ष के भीतर उनके दो बच्चे पैदा हुए।

कोर्ट ने कहा सेक्स से इंकार का आधार मौजूद नहीं है।

Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp  – Group BulletinChannel Bulletin
मनीष वर्मा
Follow Me

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *