इन टिप्पणियों के साथ हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को दी जमानत
आगरा/प्रयागराज १७ अप्रैल ।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में आरोपित बांदा के अरूण कुमार मिश्र को यह कहते हुए सशर्त जमानत दे दी है कि अंतरंग संबंध विफल होने पर कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है।
न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने कहा कि यह मामला व्यापक सामाजिक बदलाव को दर्शाता है, जहां अंतरंग संबंधों से जुड़ी पवित्रता और गंभीरता में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है। कोर्ट ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि आवेदक और पीड़िता के बीच संबंध खराब होने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई। इसमें न्याय की इच्छा की जगह ‘प्रतिशोधात्मक उद्देश्य’ छिपा है।
मुकदमे से जुड़े तथ्यों के अनुसार पीड़िता का संबंध आरोपी से दिल्ली में एक निजी बैंक में काम के दौरान हुआ। पीड़िता को अपनी कंपनी में नौकरी दिलाने का वादा किया तो उसने बैंक की नौकरी छोड़ दी और आरोपी की कंपनी में 75 हजार रुपये मासिक वेतन पर निजी सहायक के रूप में काम करने लगी। 12 जनवरी 2024 को आरोपित ने कॉफी में नशीला पदार्थ मिला बेसुध पीड़िता से दुष्कर्म किया। इसका वीडियो बना ब्लैकमेल किया।
कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करा कर उसके साथ सप्तपदी की (सात फेरे लिए) और सिंदूर लगाने के लिए भी मजबूर किया। दिल्ली में दुष्कर्म के साथ अप्राकृतिक संबंध भी बनाया। हवाई जहाज से मुंबई ताज होटल में ठहरा।फरवरी, 2024 में आरोपित पीड़िता को लेकर बांदा के बबेरू में अपनी चाची के घर पहुंचा। यहां उसने फिर दुष्कर्म किया। इसके बाद पीड़िता को पता चला कि वह गर्भवती है और पता चला उसने पहले भी तीन महिलाओं से शादी की है और प्रत्येक से उसके बच्चे हैं। मार्च में दुष्कर्म और मारपीट के कारण गर्भ गिर गया।
आरोपित पर दस्तावेज, कपड़े और गहने जब्त करने का भी आरोप पीडिता ने लगाया है। उसका कहना है कि आर्य समाज नोएडा में विवाह के जाली दस्तावेज तैयार कर उसका वेतन भी रोका गया। अपीलार्थी के वकील ने एफआइआर में छह महीने की देरी को मुख्य आधार बनाया। कहा पीड़िता आवेदक के साथ सहमति से संबंध में थी और वह स्वेच्छा से उसके साथ कई स्थानों पर गई तथा मुंबई, लखनऊ व शिर्डी के होटलों में रुकी।
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