इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य पर एससी एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर दाख़िल याचिका को किया खारिज़

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मुलायमसिंह यादव व कांशीराम को लेकर विवादित बयान पर एफआईआर दर्ज करने की की गई थी मांग

आगरा / प्रयागराज 06 अक्टूबर।

हाईकोर्ट ने सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और बसपा के संस्थापक कांशीराम पर विवादित बयान को लेकर जगद्गुरु रामभद्राचार्य को राहत दे दी है।

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न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने रामभद्राचार्य के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज करने की मांग में दाखिल पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी है।

रामभद्राचार्य पर एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव और कांशीराम के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने व बिहार में एक जाति विशेष पर टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था।

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रामभद्राचार्य ने कहा था कि जो लोग जय श्री राम नहीं बोलते हैं वह एक खास जाति के हैं। इन दोनों बयानों को लेकर सपा-बसपा के समर्थकों में खासी नाराजगी देखने को मिली थी।

जिसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग को लेकर याचिकाकर्ता प्रकाश चंद्र ने इलाहाबाद की जिला अदालत में अर्जी दाखिल की थी।

याची का कहना था कि जिला अदालत ने सुनवाई किए बिना ही पोषणीयता के आधार पर अर्जी को खारिज कर दिया था। जिला अदालत के इस फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।

न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता प्रकाश चंद्र प्रयागराज के यमुनानगर इलाके के रहने वाले हैं। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट से रामभद्राचार्य के विरुद्ध इस मामले में शिकायत दर्ज किए जाने की मांग की थी।

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रामभद्राचार्य की ओर से अपर महाधिवक्ता महेश चंद्र चतुर्वेदी और विनीत संकल्प ने पक्ष रखा ।

उन्होंने कहा कि लगाए गए आरोप सही नहीं है।

कोर्ट ने याचिका निराधार मानते हुए खारिज कर दी।

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मनीष वर्मा
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