इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगस्त 93 से 2000 के बीच नियुक्त तदर्थ अध्यापकों के नियमितीकरण के मामले में सरकार को एक हफ्ते का कंक्रीट प्लान पेश करने का दिया समय

उच्च न्यायालय मुख्य सुर्खियां
कोर्ट ने कहा प्लान नहीं तो 27 सितंबर को हाजिर हो उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव माध्यमिक
कोर्ट ने दिया था सरकार को गुमराह करने वाले अधिकारियों कार्रवाई का निर्देश

आगरा / प्रयागराज 21 सितंबर।

इलाहाबाद हाइकोर्ट ने 7 अगस्त 1993 से दिसंबर 2000 के बीच नियुक्त एक हजार से अधिक अस्थाई अध्यापकों को नियमित करने का कंक्रीट प्लान पेश‌ करने समय दिया है और कहा है कि प्लान के साथ हलफनामा दाखिल नहीं हुआ तो अपर मुख्य सचिव माध्यमिक लखनऊ 27 सितंबर को सुनवाई के समय हाजिर होना है।

यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने विनोद कुमार श्रीवास्तव की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

Also Read – इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तानी नागरिक की मौत का फर्जी प्रमाणपत्र तैयार कर उसकी संपत्ति राजस्व अभिलेखों में अपने नाम दर्ज कराने वाले से खरीदने के आरोपियों को राहत देने से किया इंकार

अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 2000 से पहले के तदर्थ अध्यापकों का वेतन रोकने के 9 नवंबर 23 के शासनादेश को संशोधित कर‌ एक हफ्ते में नया शासनादेश जारी किया जाएगा। सभी को वेतन दिया जायेगा।

अपर महाधिवक्ता ने माना कि रीजनल चयन समिति ने अध्यापकों की नियमितीकरण को लेकर दी गई अर्जी पर विचार करते समय कुछ तकनीकी गलती की है। कंक्रीट प्लान सरकार लायेगी।

याची के वरिष्ठ अधिवक्ता आर. के.ओझा का कहना था कि प्रकरण चयन समिति को वापस भेजा जाय ताकि वह कानून के तहत नई संस्तुति भेजें।समिति ने शासनादेश के आधार पर कानून की अनदेखी कर निर्णय लिया था।

किंतु अपर महाधिवक्ता ने कहा जरूरत नहीं, सरकार खुद ही कदम उठा रही।

कोर्ट ने कहा लंबे समय से सुनवाई चल रही, कोर्ट में ब्लैक एण्ड व्हाईट कुछ भी पेश नहीं किया गया। एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल कर सरकार प्लान पेश करे। इससे पहले सरकार की तरफ से कहा गया था कि सरकार इन अध्यापकों को वेतन देने पर भी विचार कर रही है किन्तु पहले नियमितीकरण पर निर्णय ले लिया जाय।

Also Read – इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव के खिलाफ याचिका की सुनवाई 18 अक्टूबर को

ओझा ने कहा सरकार केवल 33 जी (8)को ही देख रही है जबकि उसे 33 जी की पूरी स्कीम पर विचार करना चाहिए। धारा 33 जी ए को लेकर सरकार भ्रमित है। कहा गया कि कोर्ट ने अंतरिम आदेश से अध्यापकों को वेतन देने व सेवा जारी रखने का निर्देश दिया है।

इसके बावजूद सरकार ने 8 नवंबर 23 से वेतन भुगतान रोक रखा है। आदेश के खिलाफ विशेष अपील व एसएलपी खारिज हो चुकी है।

Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp  – Group BulletinChannel Bulletin
मनीष वर्मा
Follow Me

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *