इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी को इस शर्त पर दी जमानत कि करनी होगी पीड़िता से शादी

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दोनों के संसर्ग से हुए बच्चे के भविष्य के लिए जमा करने होंगे 2 लाख रुपये

आगरा /प्रयागराज 15 अक्टूबर ।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में रेप के आरोपी को इस शर्त पर जमानत दी कि आरोपी पीड़िता से शादी करेगा और उसे अच्छा जीवन देगा।

कोर्ट ने ये भी कहा कि आरोपी और पीड़िता के संबंध से पैदा हुए नवजात बच्चे के भरण-पोषण की जिम्मेदारी संभालने के साथ जेल से रिहा होने के बाद 6 महीने के अंदर नवजात बच्चे के नाम 2 लाख रुपये भी जमा करेगा।

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कोर्ट ने अपने फैसले में ये कहा कि

किसी व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार को केवल इसलिए नही छीना जा सकता क्योंकि उस पर अपराध करने का आरोप है।

हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि

किसी व्यक्ति को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक उसका अपराध सिद्ध न हो।

यह आदेश जस्टिस कृष्ण पहल की सिंगल बेंच ने सहारनपुर में दर्ज पॉस्को एक्ट में दर्ज केस में दिया है।

मामले में रेप पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने उसे शादी का झूठा वादा करके धोखे से उसके साथ संबंध बनाया था। पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी 15 साल की नाबालिग है।

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आरोपी ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया जिसकी वजह से वो गर्भवती हो गई। लड़की के पिता ने ये भी कहा था कि उन्होंने आरोपी लड़के के परिवार वालो से लड़की से शादी करने के लिए बोला तो परिवार वालो ने साफ मना कर दिया।

जिसके बाद लड़की घर मे ही रह रही थी। लड़की के पिता ने ये भी आरोप लगाया था कि उनके परिवार को धमकी भी दी जा रही है जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था।

कोर्ट में आरोपी के वकील ने कहा कि उस वक़्त पीड़िता बालिग थी और मेडिकल जांच में उसकी उम्र 18 साल निर्धारित थी। साथ ही रेप के आरोप से भी इनकार किया गया।

आरोपी के वकील ने कोर्ट को ये भी बताया कि सीआरपीसी की धारा 164 के बयान में ये कहा था कि उसके साथ कोई बल प्रयोग नही किया गया था। उन्होने ये भी कहा कि याची पीड़िता की जिम्मेदारी लेने के साथ शादी करने को भी तैयार है।

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कोर्ट में याची के वकील की तरफ से ये भरोसा दिलाया गया कि उनके रिश्ते से पैदा होने वाले नवजात बच्चे की देखभाल करने के लिए तैयार है। याची की तरफ से कोर्ट को ये भी बताया गया कि याची 4 अप्रैल 2024 से जेल में बंद है।

उसकी तरफ से कोर्ट को ये भरोसा दिलाया गया कि अगर कोर्ट पीड़िता को बालिग नही मानकर उसे जमानत देती है तो वह पीड़िता के बालिग होने पर उससे शादी करेगा और उसके बच्चे के भरण-पोषण के लिए 2 लाख रुपए भी जमा करेगा।

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मनीष वर्मा
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