इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले 22 साल से उम्रकैद की सजा काट रहे दो भाइयों की समय पूर्व रिहाई पर राज्य सरकार को निर्णय लेने का दिया निर्देश

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कोर्ट ने कहा 22 अक्टूबर तक रिहाई पर सरकार करे निर्णय

आगरा / प्रयागराज 23 सितंबर।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या के आरोप में पिछले 22 साल से उम्रकैद की सजा काट रहे चेतगंज, वाराणसी के निवासी दो सगे भाइयों शालू उर्फ मंजीत पांडेय व लिटिल पांडेय की समय पूर्व रिहाई की अर्जी पर राज्य सरकार को 22अक्टूबर 24 तक निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि इनकी अर्जी 5 दिसंबर 23 व 1 मार्च 24 को राज्य सरकार को भेजी गई है।

यह आदेश न्यायमूर्ति ए.के. सांगवान तथा न्यायमूर्ति एम.ए.एच. इदरीसी की खंडपीठ ने दोनों भाइयों की तरफ से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

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याचिका पर अधिवक्ता आदर्श शुक्ल ने बहस की। इनका कहना था कि हत्या के आरोप में वाराणसी की सत्र अदालत ने 8 फरवरी 10 को उम्रकैद की सजा सुनाई।

इसके खिलाफ अपील और एसएलपी खारिज हो गई। इसके बाद याचियों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में यह कहते हुए अर्जी दी गई कि वे 17 साल से सजा काट रहे हैं।

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सरकार की नीति के तहत उनको समय पूर्व रिहाई का अधिकार है। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने जेल प्राधिकारी को विधिक सेवा प्राधिकरण की सहायता से याचियों की समय पूर्व रिहाई की अर्जी सरकार को भेजे जाने को कहा था और सरकार को छह हफ्ते में नियमानुसार निर्णय लेना था।

इसके बावजूद रिहाई न होने पर यह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी।

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मनीष वर्मा
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