आगरा /प्रयागराज 07 नवंबर ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 41 साल बाद हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा भुगत रहे रामकृष्ण को बरी कर दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने राम कृष्ण की आपराधिक अपील को स्वीकार करते हुए दिया है।
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हमीरपुर के थाना खरेला में 1981 में रामकृष्ण के खिलाफ हत्या के आरोप में एफआईआर दर्ज कराया गया था। मृतक के पिता सिद्धा ने आरोप लगाया था कि जमीनी विवाद में उसके बेटे बहादुर की गोली मारकर दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गए। पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया।
ट्रायल कोर्ट ने 8 मार्च 1983 को आरोपी रामकृष्ण को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। इस सजा के खिलाफ रामकृष्ण ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी।
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कोर्ट ने कहा अभियोजन पक्ष संदेह से परे अपराध साबित करने में नाकाम रहा। हत्या का दोषी ठहराने का पर्याप्त साक्ष्य नहीं पेश कर सका।
जिसपर कोर्ट ने सत्र अदालत के फैसले को रद्द कर दिया और संदेह का लाभ देते हुए आरोपी को बरी कर दिया।
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