सुनवाई के लिए देर शाम बैठी स्पेशल बेंच
1968 से आबाद हैं परिवार, 14 सितंबर को होना था ध्वस्तीकरण
आगरा /प्रयागराज 13सितंबर ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने औरैया के दिबियापुर में 100 से अधिक मकानों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी है। मकानों का ध्वस्तीकरण 14 सितंबर को किया जाना था।
जिसे देखते हुए याचीगण की ओर से अधिवक्ताओं ने मुख्य न्यायाधीश से विशेष रूप से अनुरोध कर मामले की सुनवाई करने के लिए अनुमति मांगी गई।
जिस पर मुख्य न्यायाधीश ने देर शाम न्यायमूर्ति एस.डी. सिंह और न्यायमूर्ति डी.रमेश की विशेष पीठ गठित की।
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याचिकाकर्ता सत्य प्रकाश व अन्य का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ सिंह और अधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा ने अदालत को बताया कि जिलाधिकारी औरैया ने 9 सितंबर को लोगों के मकानों पर नोटिस चस्पा कर कब्जा हटा लेने के लिए कहा था।
इसके बाद मुनादी भी कराई गई तथा 14 सितंबर को मकान को गिराने की तैयारी थी। अधिवक्ता का तर्क था कि याचीगण 1968 से सिंचाई विभाग की जमीन पर आबाद है।
1993 तक उनसे किराया भी लिया जाता रहा है । इस बीच एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने प्रशासन से मौके की रिपोर्ट मांगी थी । जनहित याचिका में कहा गया कि सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है।
हाई कोर्ट का नोटिस मिलने के बाद जिलाधिकारी ने मकानों के ध्वस्तीकरण के लिए आदेश पारित कर दिया इससे पूर्व भी औरैया कन्नौज मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 50-60 मकान गिराए जा चुके हैं।
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जबकि अन्य का मामला न्यायालय में लंबित था। हाई कोर्ट ने पूर्व में इस मामले में याचीगण को अधिकारियों के समक्ष प्रत्यावेदन देने के लिए कहा था। जिसे 4 मई 2024 और 20 मई 2024 को अधिकारियों ने निरस्त कर दिया।
इसके बाद जिला अधिकारी ने सभी मकानों पर ध्वस्तीकरण के लिए नोटिस चस्पा करवा दिया। इस प्रकरण की अगली सुनवाई 17 सितंबर को नियमित अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
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