आर के आयरन इंडस्ट्रीज के मालिक से फोन कर मांगी थी रकम
रकम ना देने पर दी थी जान से मारने की धमकी
14 फरवरी 1998 को रुपये देते समय पुलिस ने तीन आरोपी लिए थे हिरासत में
आगरा १३ मई ।
व्यवसायी से चौथ वसूली के आरोप में पुलिस द्वारा रंगे हाथ मौके पर पकड़े गये तीन आरोपियों राजू उपाध्याय, दीवान सिंह एवं जितेंद्र उर्फ जीतू को गवाहों के बयान में विरोधाभास एवं मौके के गवाह को अदालत में पेश नही करने पर पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में एसीजेएम 8 माननीय दीपांकर यादव ने 27 वर्ष बाद बरी करने के आदेश दिये।
थाना एत्माद्दोला में दर्ज मामले के अनुसार वादी मुकदमा मदन गोपाल पुत्र रामजीलाल प्रोप्राइटर आर के आयरन इंडस्ट्रीज शाहदरा, निवासी जीवनी मंडी का आरोप था कि उनके फोन पर फोन कर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा 50 हजार रुपये की मांग की जा रही थी। रुपये ना देने पर उसे एवं परिवार को जान से मारने एवं अपहरण की धमकी दी जा रही थी।
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14 फरवरी 1998 की सुबह दस बजे अपने साले अनिल कुमार के साथ अज्ञात बदमाशो को रुपये देने कालिंदी विहार जाने पर सादा वर्दी में तैनात पुलिसकर्मियों ने आरोपी राजू उपाध्याय पुत्र रामजीलाल निवासी ट्रांस यमुना कॉलोनी थाना एत्माद्दोला जिला आगरा, दीवान सिंह पुत्र मोहर सिंह निवासी गढ़ी संम्पत्ति, थाना एत्मादपुर जिला आगरा एवं जितेंद्र उर्फ जीतू पुत्र अमर सिंह निवासी कुबेर पुर, थाना एत्मादपुर जिला आगरा को पचास हजार रुपये रखे थैले, बजाज सुपर स्कूटर सहित हिरासत में ले जेल भेजा था।
इतनें लंबे चले विचारण उपरांत भी पुलिस वादी के साथ मौके पर गये उनके साले अनिल कुमार को गवाही हेतु अदालत में नही पेश कर सका वादी ने कहा था उक्त रकम उसने अपनी पत्नी से ली थी।पत्नी को भी अदालत में पेश नही किया गया ।
वादी के बयानों में भी गम्भीर विरोधाभास उजागर हुआ।जिस नम्बर से आरोपियो द्वारा फोन किया गया वह किसके नाम से दर्ज था एवं बरामद स्कूटर किसके नाम दर्ज था यह पुलिस अदालत में सिद्ध नहीं कर सकी।
अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव एवं आरोपियो के वरिष्ठ अधिवक्ता भारत सिंह के तर्क पर आरोपियो को बरी करने के आदेश दिये।
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