हत्या प्रयास एवं धारा 12 दस्यु प्रभावित क्षेत्र अधिनियम के थे आरोपित
अदालत नें दोनों आरोप में तीन को सुनाई सजा
आरोपियो ने व्यवसायी से 5 लाख की चौथ मांगी थी
व्यवसायी की शिकायत पर पुलिस ने दी थी दविश
व्यवसायी द्वारा अदालत में सही बयान नहीं देने पर उसके विरुद्ध कार्यवाही के आदेश
आगरा, 31अगस्त ।
हत्या प्रयास एवं दस्यु प्रभावित क्षेत्र अधिनियम की धारा -12 के तहत आरोपित भगवान दास, महेंद्र गोस्वामी, एवं बंटू गोस्वामी निवासी गण ग्राम बमन ई कलां मठ, थाना जगनेर, जिला आगरा को दोषी पाते हुये विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र माननीय नीरज कुमार बक्शी ने पांच वर्ष कैद एवं 12 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया हैं।
थाना बसई जगनेर मे दर्ज मामले के अनुसार उक्त घटना से चार दिन पूर्व बदमाशों ने व्यवसायी अनिल कुमार गोयल के प्रतिष्ठान पर पहुंच 5 लाख रुपये की चौथ मांगी थीं, जिसकी शिकायत थाने पर दर्ज कराने पर 26 फरवरी 2011 को एस.ओ. राजवीर सिंह, मय अधीनस्थ वादी अनिल कुमार गोयल को साथ ले बदमाशों की तलाश में थाने से गये थे।
नया गांव तिराहें के पास जीप रुकवा वादी मुकदमा को आगे चलने की कह कर पुलिस दल बबूल के पेड़ो की आड़ लें उसके पीछें चलने लगा, कुछ देर बाद सरसों के खेत से निकल कर बदमाशों ने अनिल कुमार गोयल से कहा सेठ जी रुपये ले आये, पुलिस दल के अचानक बाहर आने से बदमाशों ने कहा सेठ पुलिस लेकर आया हैं ।
इतना कह कर बदमाशों ने पुलिस दल पर जान से मारनें की नीयत से फायर कियें जिससें वह बाल बाल बच गयें, पुलिस ने जबाबी कार्यवाही कर तीन बदमाशों को मौकें से पकड़ लिया इनके अन्य साथी फायर करते हुये भाग गये, पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से अवैध तमंचे बरामद किये थे।
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पुलिस ने उक्त मामले में भगवान दास उर्फ कल्ला, महेंद्र गोस्वामी, बंटू चौधरी, एवं रामवतार निवासी गण ग्राम बम नई कलां मठ, थाना जगनेर, जिला आगरा के विरुद्ध हत्या प्रयास एवं उत्तर प्रदेश दस्यु प्रभावित क्षेत्र अधिनियम की धारा 12 के तहत आरोप पत्र अदालत में प्रेषित किया था।
अभियोजन पक्ष की तरफ से गवाही हेतु एस.ओ. राजवीरसिंह कॉन्स्टेबिल धर्मेंद्र सिंह, कॉन्स्टेबिल दिनेश कुमार, एस.आई. दया राम, कोक सिंह, एवं अनिल कुमार गोयल को गवाही हेतु पेश किया।
विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र माननीय नीरज कुमार बक्शी ने पत्रावली पर उपलब्ध सबूत एवं एडीजीसी नाहर सिंह तोमर के तर्क पर आरोपियों को पांच वर्ष कैद एवं 12 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया।
आरोपी रामअवतार को सबूत के अभाव में अदालत ने बरी करने के आदेश दिये।