आगरा :
आगरा के थाना सैंया, सोरा गांव के निवासी अरविंद और लक्ष्मी कांत को अपर जिला जज-17 ने अपहरण के एक मामले में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।
यह फैसला तब आया जब कथित तौर पर अगवा की गई युवती ने अदालत में अपने बयान बदल दिए और चिकित्सकीय जांच से भी इंकार कर दिया।
मामले का विवरण:
यह मामला 3 नवंबर, 2020 को शुरू हुआ जब एक व्यक्ति ने सदर बाजार थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उसकी 15 वर्षीय बेटी को अरविंद और लक्ष्मी कांत ने बहला-फुसलाकर अगवा कर लिया है।
शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि जब वे आरोपियों के घर शिकायत करने गए, तो उनके परिवार वालों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी।
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बदले हुए बयान और सबूतों की कमी
मामले की सुनवाई के दौरान वादी, पीड़िता, और डॉ. विजय लक्ष्मी दिनकर सहित कुल पांच गवाहों के बयान दर्ज किए गए। हालांकि, इस केस में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब पीड़िता ने खुद अपने बयान बदले।
* 164 के बयान में: पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान में कहा कि वह अपनी मर्जी से आरोपियों के साथ गई थी।
* अदालत में: पीड़िता ने अदालत में कहा कि वह आरोपियों के साथ नहीं, बल्कि अपनी सहेली के साथ दिल्ली गई थी।
इसके अलावा, पीड़िता ने अपनी चिकित्सकीय जांच कराने से भी साफ इनकार कर दिया, जिससे अभियोजन पक्ष के लिए यह साबित करना मुश्किल हो गया कि उसका अपहरण हुआ था।
अदालत का फैसला:
आरोपियों के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रकाश नारायण शर्मा और जय नारायण शर्मा ने इन विरोधाभासी बयानों और सबूतों की कमी को अदालत के सामने रखा।
इन तर्कों को स्वीकार करते हुए, अपर जिला जज-17 ने दोनों आरोपियों को बरी करने का आदेश दिया।
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1 thought on “युवती के अपहरण मामले में सबूतों के अभाव में आरोपी बरी”