आगरा/प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: १८ जून ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कौशांबी के लोहंदा में एक आठ साल की बच्ची से कथित दुष्कर्म के मामले में ग्राम प्रधान भूप नारायण पाल और दो अन्य की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने आदेश दिया है कि आरोप पत्र का संज्ञान लिए जाने तक याचिकाकर्ताओं को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है।
यह मामला तब सामने आया जब 4 जून को कौशांबी के सैनी थाने में ग्राम प्रधान भूप नारायण पाल और दो अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103(1) और 3(5) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
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याचिकाकर्ताओं ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमे को रद्द करने और अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी।
इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब कथित दुष्कर्म के आरोपी के पिता ने एक सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके बेटे को ग्राम प्रधान द्वारा साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।
जस्टिस सिद्धार्थ और जस्टिस हरवीर सिंह की डबल बेंच ने यह आदेश पारित किया है।
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