आगरा/प्रयागराज ३ अप्रैल
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान आचार सहिंता उल्लघंन में दर्ज हुई एफआईआर को रद्द करने, चार्जशीट रद्द करने और पूरी आपराधिक कार्यवाई रद्द करने के लिए दाखिल की गई है याचिका।
मुरादाबाद के थाना नागफनी थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा।
8 अप्रैल 2024 को दर्ज हुआ था केस।
रुचि वीरा लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी से गठबंधन प्रत्याशी थी।
रुचि वीरा के अलावा कांग्रेस नेता असद मौलाई, असलम खुर्शीद, नदीम और नईम के खिलाफ भी दर्ज हुई थी एफआईआर।
सभी ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को हाईकोर्ट में दी है चुनौती।
आईपीसी की धारा 188 और 171 एच में दर्ज हुई थी एफआईआर।
नगर निगम के अवर अभियंता शिवमोहन की तहरीर पर दर्ज हुआ था मामला।
शिवमोहन लोकसभा चुनाव में बतौर मजिस्ट्रेट एफएसटी थर्ड बनाए गए थे।
आरोप है कि प्रत्याशी रूचि वीरा के समर्थन में 8 अप्रैल 2024 की रात कांग्रेस नेता असद मौलाई के घर पर बिना अनुमति एक जनसभा का आयोजन किया गया था जिसमें 50 से 60 लोग शामिल हुए थे।
बिना अनुमति के लोकसभा चुनाव में जनसभा व प्रचार करने के आरोप में दर्ज हुई थी एफआईआर।
हालांकि इस मामले में एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा रुचि वीरा के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हुआ था।
अदालत से जारी गैर-जमानती वारंट निरस्त कराने के लिए रुचि वीरा ने प्रार्थना पत्र दाखिल किया था जिसपर 11 मार्च 2025 को अर्जी पर सुनवाई के बाद अदालत ने वारंट निरस्त कर दिया है।
सपा सांसद समेत सभी आरोपियों को आचार संहिता उल्लंघन मामले में एमपीएलए कोर्ट से सितंबर 2024 में जमानत भी मिल चुकी है ।
एमपीएमएलए कोर्ट में इस मामले में 8 अप्रैल को अगली सुनवाई होनी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में अगली हफ्ते याचिका पर हो सकती है सुनवाई।
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