आगरा/प्रयागराज १९ मार्च
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष पर लगाया पांच हज़ार रुपए का हर्जाना।
सूट नंबर एक के याचिकाकर्ता भगवान श्री कृष्ण विराजमान एट कटरा केशव देव ख़ेवट को भरना होगा पांच हज़ार रुपए का हर्जाना।
मुख्य प्रतिवादी यानी यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मिलेगा हर्जाने की रकम का भुगतान ।
हालांकि हर्जाना लगाने के बावजूद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष की संशोधन अर्जी को स्वीकार कर लिया है ।
मथुरा के मंदिर मस्जिद विवाद में सूट नंबर एक के याचिकाकर्ता भगवान श्री कृष्ण विराजमान एट कटरा केशव देव ख़ेवट ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपनी याचिका में संशोधन की इजाजत दिए जाने की अपील की थी ।
याचिका में यूनियन ऑफ इंडिया के जरिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया को भी पक्षकार बनाए जाने की इजाजत मांगी थी।
इसी तरह की मांग सूट नंबर 16 के याचिकाकर्ता देवता भगवान श्री कृष्ण लला विराजमान ने भी मांगी थी।
हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में मुस्लिम पक्षकारों के साथ ही कई हिंदू पक्षकारों ने भी सूट नंबर एक के वकील हरिशंकर जैन की अर्जी पर ऐतराज जताया था।
अर्जी को खारिज किए जाने की अपील की थी।
5 मार्च को हुई सुनवाई में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था ।
जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र की सिंगल बेंच का फैसला रात को अपलोड हुआ है ।
अदालत ने हिंदू पक्षकार पर पांच हज़ार रुपए का हर्जाना जरूर लगाया है, लेकिन उसकी संशोधन अर्जी को मंजूर कर लिया है ।
अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि एक महीने के अंदर इस केस में आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया को भी पक्षकार बनाया जाए ।
अदालत में इस मामले में प्रतिवादियों को आज 19 मार्च को होने वाली सुनवाई में अपना पक्ष रखने को कहा है ।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि हिंदू पक्ष की संशोधन अर्जी से मूल मुकदमे के नेचर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
संशोधन अर्जी में कोई ऐसी मांग नहीं की गई है जिससे मुकदमे के स्वरूप पर कोई फर्क पड़ेगा ।
सीपीसी मैं इस तरह का प्रावधान है कि याचिका में संशोधन किया जा सकता है ।
अदालत ने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट के कुछ निर्णय का उदाहरण देते हुए उन्हें आधार भी बनाया है।
आज 19 मार्च को मथुरा के मंदिर मस्जिद विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक बार फिर होगी सुनवाई ।
जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र की सिंगल बेंच में दोपहर 2:00 बजे से होगी सुनवाई ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट से आज आए फैसले को हिंदू पक्ष पूरी तौर पर अपनी बड़ी जीत के तौर पर देख रहा है ।
मथुरा के मंदिर मस्जिद विवाद में हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल की गई डेढ़ दर्जन याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट अयोध्या मामले की तर्ज पर सीधे तौर पर सुनवाई कर रहा है ।
हालांकि हाईकोर्ट में अभी तक इन मुकदमों का ट्रायल शुरू नहीं हो सका है ।
अभी वाद बिंदु भी तय नहीं हो सके हैं।
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