संभल की शाही जामा मस्जिद के पूर्व में हरिहर मंदिर होने का दावा किया कोर्ट में पेश

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संभल के महंत ऋषिराज गिरी की तरफ से विष्णु शंकर जैन और संभल जनपद के अधिवक्ता विष्णु कुमार शर्मा ने दावा पेश किया
दावा पेश करने के बाद कोर्ट ने शाही जामा मस्जिद के एडवोकेट कमिश्नर द्वारा सर्वे किए जाने के दिए आदेश
संभलकोतवाली इलाके में डाकखाना रोड पर स्थित है शाही जामा मस्जिद।

आगरा 20 नवंबर ।

उत्तर प्रदेश की जनपद से बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पर जामा मस्जिद का सर्वे होगा । विष्णु शंकर जैन की याचिका पर जिला कोर्ट संभल ने यह आदेश किया है ।याचिकाकर्ता का दावा है कि यहाँ हरिहर मंदिर है यहाँ कल्कि भगवान अवतार लेंगे।

उत्तर प्रदेश के संभल जिले की जामा मस्जिद को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा दाखिल एक याचिका में दावा किया गया है कि वर्तमान में जामा मस्जिद के नाम से पहचाने जाने वाला यह स्थल पहले एक हिन्दू मंदिर था, जिसे आक्रमणकारी बाबर ने 1529 में तोड़कर मस्जिद में परिवर्तित कर दिया था।

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इस जीबी याचिका में कोर्ट से मस्जिद का सर्वेक्षण कराए जाने की माँग की गई थी, जिसे मंगलवार (19 नवंबर 2024) को संभल की जिला अदालत ने स्वीकार कर लिया और एडवोकेट कमिश्नर द्वारा सर्वे के आदेश दिए गए है ।

संभल की शाही जामा मस्जिद को बाबरी मस्जिद भी कहा जाता है और यह संभल के सबसे पुराने स्मारकों में एक है।बताया जाता है कि संभल के शाही जामा मस्जिद को 1528 में मुगल बादशाह बाबर के आदेश के तहत मीर बेग ने बनाया था।यह भी माना जाता है कि मस्जिद बनाने के दौरान यहां पर मौजूद हरिहर मंदिर को तोड़ दिया गया था और इसी को लेकर याचिका दायर की गई थी, जिसे लेकर अब कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया है।

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मनीष वर्मा
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