आगरा/ प्रयागराज 3 अक्टूबर।
रामपुर में सीएम योगी और डीएम व अन्य अधिकारियों के खिलाफ सपा नेता आज़म खान द्वारा दी गई हेट स्पीच का मामला।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने आज़म खान के वकील को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए दिया था समय।
हाईकोर्ट ट्रायल कोर्ट का रिकॉर्ड भी कर चुका है तलब।
हेट स्पीच मामले में आज़म खान ने रामपुर एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट द्वारा अपील खारिज होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में फैसले के खिलाफ दाखिल की है याचिका।
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23 जनवरी 2024 को एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने आज़म खान द्वारा ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अपील खारिज कर दी थी।
रामपुर एमपी-एमएलए ट्रायल कोर्ट ने 15 जुलाई 2023 को सपा नेता को नफरती भाषण देने का दोषी मानते हुए दो साल की कैद व 2500 रुपये जुर्माना अदा करने की सुनाई थी सजा।
ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ सपा नेता ने एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में अपील दायर की थी।
23 जनवरी 2024 को एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने नफरती भाषण के मामले में आज़म खान को कोई राहत न देते हुए ट्रायल कोर्ट कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए अपील को किया था खारिज।
2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर के शहजादनगर थाने में आज़म खान के खिलाफ हेट स्पीच का मामला किया गया था दर्ज।
लोकसभा चुनाव के दौरान आठ अप्रैल 2019 को सपा नेता आजम खां ने रामपुर के शहजादनगर थाना क्षेत्र के धमोरा गांव में सीएम योगी और डीएम व अन्य अधिकारियों के खिलाफ दिया था नफरती भाषण।
इस हेट स्पीच का वीडियो वायरल होने के बाद दस अप्रैल 2019 को एडीओ कोआपरेटिव अनिल कुमार चौहान ने आज़म खान के खिलाफ शहजादनगर थाने में नफरती भाषण देने का आरोप लगाते हुए दर्ज कराया था केस।
पुलिस ने आईपीसी की धारा धारा 171 जी, 505 (1) (बी) व 125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दर्ज किया था केस।
मुकदमे के आधार पर शहजादनगर पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की थी चार्जशीट ।
ट्रायल कोर्ट ने सुनवाई के बाद 15 जुलाई 2023 को सपा नेता को दोषी करार देते हुए सुनाई थी सजा।
जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच करेगी मामले में सुनवाई।
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