आगरा 30 सितंबर।
योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के श्रीकृष्ण विग्रह केस संख्या-659/2023 , श्रीभगवान श्रीकृष्ण लला विराजमान आदि बनाम उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड आदि में सुनवाई की अगली तिथि 10 अक्टूबर नियत की गई।

वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि उनके श्रीकृष्ण विग्रह केस में सीढ़ियों के वैज्ञानिक सर्वे पर सुनवाई नियत थी जिसमें विपक्षी संख्या-2 जामा मस्जिद ने आज अपनी आपत्ति दाखिल की।
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उन्होंने जामा मस्जिद ने मासिर ए आलमगीरी पुस्तक का अनुवाद दाखिल किया जिसमें यह लिखा हुआ है कि “इस बुतखाने के तमाम खुर्द व एतनाम अकबर आबा में लाये गए और नबाब कुदसिया बेगम साहिब की तामीर कर्दा मस्जिद के जीनों के नीचे दफन कर दिए गए”।
वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि यह साबित होता है कि मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मन्दिर के प्रभु श्रीकृष्ण के प्राण प्रतिष्ठित विग्रहों को आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबाया गया है।
आगरा का उस समय नाम अकबराबाद था और जहाँआरा को बेगम साहिब कहते थे जहाँआरा ने जामा मस्जिद का निर्माण करवाया जिसे पहले बेगम साहिब की मस्जिद या कुदसिया बेगम साहिब की मस्जिद कहते थे।
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वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि माननीय न्यायालय ने आज यूनियन ऑफ इंडिया को विपक्षी बनाने के आदेश जारी किया व सुनवाई की अगली तिथि 10 अक्टूबर नियत की है।

श्रीकृष्ण विग्रह केस की सुनवाई माननीय न्यायाधीश श्री मृत्युंजय श्रीवास्तव के न्यायालय में चल रही है आज दौरान सुनवाई वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह व वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुलश्रेष्ठ उपस्थित रहे।
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