आगरा / प्रयागराज 23 सितंबर।
प्रदेश सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आज़म खां, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम तथा पूर्व चेयरमैन अजहर अली खान की ज़मानत अर्जी को शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। आज़म पर नगर पालिका परिषद रामपुर द्वारा खरीदी गई रोड क्लीनिंग मशीन चुराने का आरोप है। इन पर पद के दुरुपयोग करने का भी आरोप है।
प्रदेश में सरकार बदलने के बाद रामपुर के सामाजिक कार्यकर्ता वकार अली खान ने इस मामले में आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म सहित पांच अन्य लोगों के खिलाफ़ कोतवाली रामपुर में एफआईआर दर्ज़ कराई थी।
यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल,अधिवक्ता इमरानुल्ला तथा अपर महाधिवक्ता पी.सी.श्रीवास्तव, एजीए जे.के. उपाध्याय, वादी के अधिवक्ता शरद शर्मा को सुनकर दिया है।
आज़म खां के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने विडियो कांफ्रेंसिंग से बहस की थी। उनका तर्क था कि जो मशीनें खरीदी गई थी सभी ब्योरा नगर पालिका परिषद रामपुर में मौजूद है।
राज्य सरकार की तरफ से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि मशीन की रिकवरी यूनिवर्सिटी कैंपस से हुई थी। नगर पालिका के प्रयोग के लिए आई मशीन को गलत तरीके से यूनिवर्सिटी के लिए उपयोग किया गया और सरकार बदलने पर उसे काटकर दबा दिया गया।
न्यायालय ने 2 सितंबर को फैसला सुरक्षित किया था।
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