एफआईआर दर्ज करने के आदेश के खिलाफ याचिका अर्थहीन होने पर खारिज
आगरा /प्रयागराज 6 सितंबर।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसीजेएम प्रयागराज की अदालत में उमेश सिंह बनाम राहुल पाल व अन्य केस में पारित 27 फरवरी 24 के आदेश को रद्द करने की मांग में विधायक पूजा पाल व दो अन्य की पुनरीक्षण याचिका अर्थहीन करार देते हुए खारिज कर दी है।
राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि 27 फरवरी के मजिस्ट्रेट के आदेश के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। विवेचना में पूजा पाल व एक अन्य को बाहर कर दिया गया है केवल याची तीन के खिलाफ धारा 506 भारतीय दंड संहिता के तहत अदालत में 14 अगस्त 24 को चार्जशीट दाखिल की गई है।
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जिस पर याची पूजा पाल के अधिवक्ता मिथिलेश कुमार तिवारी ने कहा याचिका अर्थहीन हो चुकी है, खारिज कर दी जाय। उनकी इस मांग को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने विधायक पूजा पाल व दो अन्य की पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
मालूम हो कि विधानसभा चुनाव के पहले धारा 156(3) के तहत उमेश सिंह ने अर्जी दाखिल की और पूजा पाल, उनके भाई राहुल पाल व डेवलपर श्रीकांत पाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
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मजिस्ट्रेट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया जिसे चुनौती दी गई थी।
मौजा शाहा पीपलगांव की जमीन से जुड़ा मामला है। पुलिस ने पूजा पाल व राहुल पाल के पक्ष में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की है और तीसरे आरोपी श्रीकांत पाल के खिलाफ चार्जशीट दी है।
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