पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण जनमंच ने 2001 में अधिवक्ताओं पर हुये लाठी चार्ज के विरोध में मानव श्रृंखला बनाकर किया विरोध प्रदर्शन

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जनमंच का आह्वान हाईकोर्ट खण्डपीठ आगरा का अधिकार जिसे लेकर रहेगे
अधिवक्ताओं ने प्रभात फेरी निकाल दीवानी के गेट नं0 2 पर भारी पुलिसबल के बीच किया विरोध प्रदर्शन

आगरा 25 सितंबर ।

वर्ष 1966 से प०उ० प्रदेश के अधिवक्ता जस्टिस जंसवत सिंह आयोग की रिपोर्ट के अनुसार आगरा में हाईकोर्ट खण्डपीठ को स्थापित कराये जाने की मांग को लेकर निरन्तर आन्दोलन करते चले आ रहे है। लेकिन 26 सितम्बर 2001 को सिविल कोर्ट परिसर आगरा में बिना जिला जज की अनुमति के परिसर में घुसकर निहत्थे अधिवक्ताओं के ऊपर पुलिस द्वारा बर्बर लाठी चार्ज किया गया।

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जिसके विरोध में जनमंच द्वारा प्रतिवर्ष काला दिवस मनाकर विरोध प्रदर्शन किया जाता है । इसी कम में जनमंच द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार बुधवार दिनांक 25.09.2024 को अधिवक्ता गेट नं0 2 पर एकत्रित हुये तथा सिविल कोर्ट परिसर आगरा में अधिवक्ताओं ने प्रभात फेरी निकाली और विरोध प्रदर्शन किया तथा “जुल्मी कितना जुर्म करेगा” “सत्ता के हथियारों से चप्पा चप्पा गूंज रहा है इंकलाब के नारों से” “वी वाण्ट हाईकोर्ट” जैसे नारों से वातावरण गुंजायमान हो गया।

प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ताओं ने 2001 के लाठीचार्ज के दोषी अधिकारियों को बर्खास्त कर जेल भेजे जाने की मांग की तथा नारेबाजी करते हुये अधिवक्ता गेट नं० 2 के बाहर एम०जी० रोड पर आ गये तथा एम०जी० रोड पर मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया। सबने नारेबाजी करते हुये कहा कि हाईकोर्ट आगरा का अधिकार है जिसे हर हाल में लेकर रहेगे इसके लिये चाहे जान क्यों न गंवानी पड़े ।

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लेकिन आगरा को उसका अधिकार मिलकर रहेगा चूंकि वर्ष 1866 से वर्ष 1869 तक आगरा में हाईकोर्ट पूर्णरूप से स्थापित था।जिसे स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन के चलते यंहा से अस्थाई तौर पर इलाहाबाद में स्थापित किया गया था इस कारण आगरा का पूर्ण हाईकोर्ट पर अधिकार है लेकिन आज आगरा मात्र हाईकोर्ट खण्डपीठ की मांग कर रहा है।

सरकार से मांग की कि वर्ष 2001 में अधिवक्ताओं पर हुये लाठी चार्ज को लेकर सरकार द्वारा जस्टिस गिरधर मालवीय आयोग का गठन किया गया था। रिपोर्ट के आ जाने के बाद भी आज तक लाठी चार्ज के दोषी पुलिसकर्मियो के विरूद्ध कोई कठोर कार्यवाही नही की गयी।

जनमंच सरकार से मांग करता है कि सरकार तुरन्त प्रभाव से जस्टिस गिरधर मालवीय आयोग की सिफारिशों को लागू करे तथा दोषी पुलिसकर्मियों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाये। साथ ही साथ सरकार से मांग की गयी कि प्रदेश में आये दिन अधिवक्ताओं की हत्यायें हो रही है तथा सब को न्याय दिलाने वाले देश को स्वतंत्र कराने में अहम भूमिका निभाने वाला अधिवक्ता समाज आज निर्भीक होकर न्याय की लड़ाई लड़ने में असमर्थ हो रहा है।

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ऐसे में प्रदेश सरकार को जल्द से जल्द अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू करना चाहिये। अगर सरकार अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू नहीं करती है तो बृहद आन्दोलन की रूपरेखा तैयार कर आन्दोलन किया जायेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता जनमंच अध्यक्ष चौ० अजय सिंह ने की। संचालन पवन कुमार ने किया। कार्यकम में मुख्य रूप से आगरा एडवोकेट एसोसियेशन के महामंत्री फूल सिंह चौहान, सत्येन्द्र कुमार यादव, श्याम सुन्दर उर्फ प्रशान्त सिंह, अमर सिंह कमल, चौ० धर्मवीर सिंह, चौ० विशाल सिंह, सतीश शाक्य, शिव कुमार सैनी, वीरेन्द्र फौजदार, हर्देश कुमार यादव, उदयवीर सिंह, शिव सिंह राघव, अजयदीप उर्फ अज्जू, धर्मवीर सिह अहिरवार, महेश कुमार गौतम, शमी, कुनाल शर्मा, सुरेन्द्र सिंह धाकरे, सुरेन्द्र सिंह, वेद प्रकाश, कृष्ण मोहन शर्मा, अर्जुन शर्मा, अंकित कुमार, शुभम शर्मा, विकम सिंह राना, सुनील कुमार बंसल, बंगाली शर्मा, सत्यप्रकाश सक्सैना, राजकुमार, सत्यप्रकाश शर्मा, छोटे लाल, चन्द्रभान सिंह निर्मल आदि उपस्थित रहे।

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विवेक कुमार जैन
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