आगरा, 30 जून 2025:
लाखों रुपये की कथित ठगी के एक मामले में रोहतक, हरियाणा के विशाल नगर निवासी विकास सिवाच पुत्र कुलवीर सिंह को अग्रिम जमानत मिल गई है। आगरा अदालत ने उनकी रिहाई के आदेश जारी कर दिए हैं।
यह मामला थाना कमला नगर में कृष्ण पाल सिंह द्वारा दर्ज कराया गया था। वादी का आरोप था कि उनका बेटा अनुराग, जो एमिटी यूनिवर्सिटी दिल्ली में बी.टेक कर रहा था, उसे आपराधिक षड्यंत्र के तहत मयंक नामक युवक ने अपने बहनोई विकास सिवाच से मिलवाया था।
आरोपी विकास सिवाच ने खुद को “वर्टिकल एलिवेटर” फर्म का व्यवसायी बताया, जिसकी फर्म बिल्डिंग में लिफ्ट लगाने का काम करती है। वादी के अनुसार, मयंक, विकास सिवाच और अन्य ने मिलकर उनके बेटे को व्यवसाय में पार्टनर बनाने के नाम पर 49 लाख 70 हजार रुपये हड़प लिए थे।
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आरोपी विकास सिवाच की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राम प्रकाश शर्मा, पुष्पेंद्र पचौरी और हरसुल राठौर ने अदालत में तर्क दिया कि वादी का पुत्र और आरोपी फर्म में पार्टनर थे। उन्होंने बताया कि फर्म लगातार घाटे में चलने के बावजूद, आरोपी द्वारा वादी के पुत्र को 32 लाख 21 हजार रुपये से अधिक का भुगतान किया गया था।
अधिवक्ताओं ने यह भी कहा कि आरोपी द्वारा हिसाब करने की बात कहने पर साजिश के तहत यह मुकदमा दर्ज कराया गया था।
अदालत ने आरोपी के अधिवक्ताओं के तर्कों को स्वीकार करते हुए विकास सिवाच की अग्रिम जमानत स्वीकृत कर उनकी रिहाई के आदेश दिए।
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