आरक्षण के मुद्दे पर भारत बंद के प्रकरण पर बबाल एवं रेलवें एक्ट में आरोपित 16 आरोपी बरी

न्यायालय मुख्य सुर्खियां
बारह खम्बा पर कर्नाटका एक्सप्रेस को रोक साढ़े नो घन्टे रेल मार्ग किया था बाधित
दो हजार की भीड़ ने रेलवे ट्रैक पर गर्डर डाल बाधित किया था रेल संचालन, पटरियों की चाबी खोल हटा दी थी पटरी
अभियोजन की तरफ से 7 गवाह पेश कियें गये
गवाहों ने कहा हजारों की भीड़ में आरोपी शामिल थें क़ि नही, उन्हें नहीँ पता
पटरी खोलने के उपकरण एवं घटना की वीडियोग्राफी भी नही कर सकें पेश

आगरा 21 जनवरी ।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण के बाबत पारित आदेश के विरोध स्वरूप 2 अप्रेल 2018 को साढ़े नो घन्टे रेल मार्ग बाधित कर जमकर बबाल एवं रेलवे एक्ट में आरोपित 16 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में अपर जिला जज माननीय अमरजीत ने बरी करने के आदेश दिये।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण के बाबत पारित आदेश के विरोध स्वरूप सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट डालने पर 2 अप्रेल 2018 को शहर में सुनियोजित रूप से हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ जिला मुख्यालय, रेलवें स्टेशनों एवं अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों पर विरोध में झंडे, बैनर नारे बाजी करतें हुये पहुँच गई थी ।

भीड़ में अधिकांश लोगों को यह भी नहीं पता था कि सुप्रीम कोर्ट ने क्या आदेश पारित किया हैं एवं उन पर इसका कोई प्रभाव भी पड़ेगा या नहीं ?

ऐसे ही हजारों लोगों की भीड़ ने बारह खम्बा ओवर ब्रिज पर पहुंच दोनों रेलवें ट्रैक पर गर्डर आदि डाल कर्नाटका एक्सप्रेस को रोक साढ़े नो घन्टे रेलवे ट्रैक जाम कर जमकर बबाल एवं तोड़ फोड़ की थी। आरोपियो ने पटरियों की चाबी निकाल रेल पटरियों को उखाड़ दिया था ।

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सूचना पर मजिस्ट्रेट एवं फोर्स द्वारा उपद्रवियों को समझा बुझा बामुश्किल उन्हें रेलवे ट्रैक से हटाया गया था। उक्त मामले में 2 अप्रेल 2018 को तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अश्वनी कौशिक द्वारा अज्ञात आरोपिय के विरुद्ध भा.द.स. की धारा 147, 151 एवं रेलवे एक्ट की धारा 150 के तहत थाना जी.आर.पी. आगरा कैंट पर मुकदमा दर्ज कराया गया था।

मुकदमे की विवेचना उपरांत विवेचक द्वारा आरोपी अलग अलग जगह के निवासी आरोपी मोनू, आकाश, लक्की, प्रदीप, ब्रजेश, रूपेश, पंकज, रजत कुमार, कुलदीप, सन्नी दिवाकर, जितेंद्र, हेमंत कुमार, विनोद, मनतेश, आकाश एवं जितेंद्र के विरुद्ध उक्त धारा के तहत अदालत में आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया था।

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अभियोजन पक्ष की तरफ से वादी मुकदमा निरीक्षक अश्वनी कौशिक, सीनियर सेक्शन इंजीनियर राजकुमार मौर्य, निरीक्षक सुखवीर सिंह, एस.आई. प्रीतम सिंह, एच.सी. गंगा राम मीणा, एस.आई. गजेंद्र सिंह एवं अजीत बालियान को अदालत में पेश किया गया।

अपर जिला जज 26 माननीय अमरजीत ने गवाहों के बयानों से आरोपियों के विरुद्ध आरोप की पुष्टि नही होने, पटरी उखाड़ने के उपकरण आदि की बरामदगी नही होने, घटना की कोई वीडियोग्राफी नहीँ होनें एवं स्वतंत्र गवाह के अभाव पर आरोपियों को बरी करने के आदेश दिये।

आरोपियों की तरफ से मुकदमे की पैरवी अधिवक्ता रमेश चंद्रा द्वारा की गई।

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विवेक कुमार जैन
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