आगरा 10 मार्च ।
बीस लाख रुपये का चैक डिसऑनर होने के मामले में आरोपित श्रीमती सुरेखा पत्नी डा सिद्धार्थ एवं डॉ हिमांशु सिंह पुत्र शरद प्रताप सिंह पाटर्नर मैसर्स जी.आर. मैडिकल सर्विसेज, खतैना रोड लोहामंडी को तकनीकी आधार पर अदालत ने बरी करने के आदेश दिये।
मामले के अनुसार वादी मुकदमा शिखर चन्द जैन प्रोप्राइटर फर्म मैसर्स रूप एंड संस् सैक्टर 5 आवास विकास सिकन्दरा ,जिला आगरा ने श्रीमती सुरेखा पत्नी डॉ सिद्धार्थ, डॉ हिमांशु सिंह पुत्र शरद प्रताप सिंह पार्टनर मैसर्स जी.आर.मैडिकल सर्विसेज खतैना रोड लोहामंडी, जिला आगरा एवं फर्म के विरुद्ध चैक डिसऑनर आरोप में मुकदमा दायर कर आरोप लगाया था कि उनकीं फर्म विभिन्न प्रकार के टाइल्स एवं सेनेटरी समान की थोक एवं फुटकर में आपूर्ति का कार्य करती है।
Also Read – पाँच लाख रुपये के चैक डिसऑनर का आरोपी अदालत में तलब
विपक्षी गण मैसर्स जी.आर.मैडिकल सर्विसेज के पार्टनर हैं । उन्होनें फर्म के लिये 20,17,787/- रुपये का वादी से सामान क्रय किया था। विपक्षियों द्वारा 1 अप्रेल 2017 को वादी को 20 लाख रुपये का चैक दिया । चैक भुगतान हेतु बैंक में प्रस्तुत करने पर डिसऑनर हो गया। नोटिस कें उपरांत भी भुगतान नही करने पर वादी द्वारा अदालत में मुकदमा दायर किया गया।
आरोपियों के अधिवक्ता शफीक अहमद कुरैशी नें तर्क दिये कि आरोपियों ने चैक पर कोई दस्तखत नहीँ किये थे। उक्त चैक पर डॉक्टर सिद्धार्थ के दस्तखत थे। परन्तु वादी द्वारा उन्हें पक्षकार ही नहीं बनाया गया है। वादी द्वारा अदालत के समक्ष कोई डिमांड प्रपत्र भी नहीं प्रस्तुत किये।जिसकें एवज मे वादी ने माल की सप्लाई की हो।
मौखिक आदेश पर कोई भी फर्म लाखों रुपये के माल की आपूर्ति नहीँ कर सकती।
विशेष न्यायालय एनआई एक्ट के पीठासीन अधिकारी माननीय सतेंद्र सिंह वीरवान ने आरोपियों के अधिवक्ता के तर्क पर आरोपियों को बरी करने के आदेश दिये।
Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp – Group Bulletin & Channel Bulletin