वेश कीमती कोठी हड़पने के लिये मृतका की फर्जी वसीयत बनाने का है आरोप
आगरा 02 अप्रैल ।
आपराधिक षड्यन्त्र, धोखाधड़ी एवं अन्य आरोप में आरोपित प्रदीप गुप्ता, शैलेश कुमार अग्रवाल, नितिन गुप्ता एवं सतेंद्र सिंह की जिला जज ने अग्रिम जमानत निरस्त करने के आदेश दिये।
थाना हरीपर्वत में दर्ज मामले के अनुसार वादी मुकदमा की बुआ निर्मल कौर 67 उत्तर विजय नगर कॉलोनी में अविवाहित होने के कारण एकाकी जीवन व्यतीत करती थी।
वह अडोस पड़ोस के लोगों से ज्यादा सम्बंध नहीँ रखती थी। 16 फरवरी 23 को वादी के पिता रणवीर सिंह अपनी बहन निर्मल कौर से मिलने दिल्ली से आये तो काफी आवाज देने पर भी गेट नहीँ खुलनें पर उन्होनें 112 नम्बर पर पुलिस को सूचना दी। जिस पर पुलिस ने गेट तोड़ कोठी से निर्मल कौर का कंकाल बरामद कर पोस्टमार्टम हेतु भेजा।पोस्टमार्टम की आख्या में तीन माह पूर्व मृत्यू होने की संभावना बताई गई।
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वादी की बुआ के उत्तराधिकार प्रमाणपत्र बनवानें के लिये आरोपियों ने समस्त अभिलेख वादी से प्राप्त कर लिये। 2 अक्टूबर 23 को कोठी को विवादित एवं बिकाऊ नही होने
का बैनर देख वादी ने नितिन गुप्ता एवं अन्य आरोपियों से बात की तो उन्होनें बताया कि निर्मल कौर ने उनके नाम कोठी की वसीयत की थी ।
अब वह इस कोठी के मालिक हैं। 15 दिन कें अंदर कोठी खाली नहीं कि तो जान से मार देंगे।आरोपी द्वारा दी गयी वसीयत की जांच कराने पर वसीयत फर्जी पाई गई ।
जिला जज ने वादी के अधिवक्ता संजय गुप्ता एवं नरेंद्र पाल सिंह के तर्क पर आरोपियों का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र खारिज करने के आदेश दिये।
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