आरोपी द्वारा अपील करनें पर एडीजे 11 ने किया दोषमुक्त
आगरा २५ अप्रैल ।
चैक डिसऑनर आरोप में अधीनस्थ न्यायालय द्वारा 6 माह की कैद एवं 12 लाख 58 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित आरोपी की अपील स्वीकृत कर एडीजे 11 माननीय नीरज कुमार बक्शी ने दोष मुक्त करने के आदेश दिये।
मामले के अनुसार वादी मुकदमा रविन्द्र सिंह पुत्र उदयवीर सिंह निवासी ग्राम खेड़ा पंचगाई, देवरी रोड, थाना ताजगंज ने आरोपी प्रशांत पाराशर पुत्र रूप किशोर पाराशर निवासी राजपुर, जंगजीत नगर, थाना सदर के विरुद्ध मुकदमा दायर कर आरोप लगाया कि आरोपी ने उससे 11 लाख 50 हजार रुपये उधार लिये थे।
उक्त धनराशि वादी ने पुलिस विभाग में कार्यरत अपनी पत्नी, पिता एवं प्रोपर्टी बेचने पर प्राप्त कमीशन के रुपयो से आरोपी को दी थी । 22 दिसम्बर 23 को अधीनस्थ न्यायालय द्वारा आरोपी प्रशांत पाराशर को 6 माह की कैद एवं 12 लाख 58 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित करने पर आरोपी द्वारा अपने अधिवक्ता नरेश शर्मा एवं अरुण तेहरिया के माध्यम से सत्र न्यायालय में अपील प्रस्तुत की गई।
आरोपी के अधिवक्ताओं द्वारा तर्क दिये गये की वादी द्वारा विजन लाइफ एमएलएम नेटवर्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में मुनाफा प्राप्त करने हेतु निवेश किया था। वर्ष 2019 में कंपनी बंद होने पर आरोपी नें वादी को कुछ पैसा नगद, बचें रुपयो के एवज में मनोरमा धाम कॉलोनी में 200 वर्ग गज का प्लॉट एवं अपनी स्विफ्ट डिजायर कार वादी को दे उसका संम्पूर्ण भुगतान कर देने के बाद भी वादी ने उक्त मुकदमा दायर कर दिया गया था।
पत्नी एवं पिता से लेकर रुपये देने के बाद भी वादी ने उनकी अदालत में गवाही दर्ज नही कराई। चैक कब डिसऑनर हुआ वह वादी को याद नही। अपना खाता नम्बर याद नहीं है।
आरोपी के अधिवक्ताओं के तर्क पर एडीजे 11 माननीय नीरज कुमार बक्शी ने आरोपी को दोष मुक्त करने के आदेश दिये।
Stay Updated With Latest News Join Our WhatsApp – Group Bulletin & Channel Bulletin
- आगरा में मां की निर्मम हत्या के आरोपी पुत्र को आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा - October 25, 2025
- आगरा अदालत में गवाही के लिए हाजिर न होने पर विवेचक पुलिस उपनिरीक्षक का वेतन रोकने का आदेश - October 25, 2025
- 25 साल बाद फिरौती हेतु अपहरण के 6 आरोपी बरी, अपहृत ने नकारी गवाही - October 25, 2025







1 thought on “अधीनस्थ न्यायालय द्वारा चैक डिसऑनर आरोपी जिसे छह माह कैद एवं 12 लाख 58 हजार के जुर्माने से दंडित किया गया था को सत्र न्यायालय ने किया दोष मुक्त”