अधीनस्थ न्यायालय की सजा को निरस्त कर आरोपी किया बरी

न्यायालय मुख्य सुर्खियां
10 जून 2024 को अधीनस्थ न्यायालय नें सुनाई थीं सजा
6 माह की कैद एवं 25 लाख 96 हजार रुपये के अर्थदंड से किया था दंडित
वादी ने एक एक लाख के चैक को 11 लाख का कर किया था मुकदमा
वादी मुकदमा अनेको व्यक्तियो के विरुद्ध कर चुका हैं मुकदमा

आगरा 11 फरवरी ।

अधीनस्थ न्यायालय द्वारा पारित सजा एवं जुर्माने के आदेश को निरस्त कर एडीजें 11 माननीय नीरज कुमार बख्शी ने आरोपी को बरी करने के आदेश दिये।

मामले के अनुसार वादी मुकदमा सुरेश कुमार परमार निवासी गुलाब नगर थाना एत्माद्दोला जिला आगरा नें आरोपी हमबीर सिंह पुत्र बिजेंद्र सिंह निवासी हसन पुर, थाना खंदौली, जिला आगरा के विरुद्ध 11-11 लाख रुपये के चैक डिसऑनर होने के बाबत वर्ष 2020 में अदालत में मुकदमा प्रस्तुत किया गया। वादी ने स्वयं को आलू व्यापारी दर्शा आरोपी पर आलू खरीद उक्त चैक देने का आरोप लगाया था।

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विशेष न्यायालय एन.आई.एक्ट ने 10 जून 2024 को आरोपी हमबीर सिंह को दोषी पाते हुये 6 माह की कैद एवं 25 लाख 96 हजार रुपये कें अर्थ दंड से दंडित करने पर आरोपी ने अपने वरिष्ठ अधिवक्ता भारत सिंह के माध्यम से अधीनस्थ न्यायालय के आदेश के विरुद्ध सत्र न्यायालय में अपील कर तर्क दिये की अधीनस्थ न्यायालय द्वारा बिना तथ्य की जांच परख कर आरोपी को सजा दी गयी है।

जबकि वास्तविकता है कि वादी ना तो किसान हैं ना ही आलू व्यापारी हैं । वह ब्याज पर पैसे देता हैं । आरोपी ने वादी को एक-एक लाख के दो चैक दिये थे जिन्हें 11-11 लाख का बना वादी ने आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दायर कर दिया था।

एडीजें 11 माननीय नीरज कुमार बख्शी ने आरोपी के वरिष्ठ अधिवक्ता भारत सिंह के तर्क एवं चैक में ओवर राइटिंग की रिपोर्ट पर अधीनस्थ न्यायालय का आदेश निरस्त कर आरोपी को बरी करने के आदेश दिये।

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विवेक कुमार जैन
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