गवाहों के विरुद्ध कई बार वारंट एवं की गई थी 82 की कार्यवाही
आगरा 04 फरवरी ।
मारपीट, गाली गलौज एवं जान से मारनें की धमकी देने के मामले में आरोपित हीरा सिंह, रतन सिंह, पूरन सिंह एवं राजू निवासी गण नगला लाल जीत, थाना सदर को अभियोजन पक्ष द्वारा तीस साल में एक भी गवाह पेश नहीं करने पर साक्ष्य के अभाव में एसीजेएम 10 माननीय मो.साजिद ने बरी करने के आदेश दिये।
थाना सदर में दर्ज मामलें के अनुसार वादी मुकदमा नें थाना सदर पर प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर आरोप लगाया कि 6 नवम्बर 1994 की रात्रि 9.30 बजें करीब आरोपी हीरा सिंह, पूरन सिंह, रतन सिंह एवं राजू निवासी नगला लाल जीत, थाना सदर नें वादी के आवास पर आकर वादी एवं उसके परिजनों से गाली गलौज देना शुरू कर दिया।
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गाली देनें से मना करने पर आरोपियों ने वादी से मारपीट की।वादी के बहनोई हिम्मत सिंह द्वारा बचाने का प्रयास करने पर आरोपियों नें उनके साथ भी मार पीट कर उन्हें घायल कर दिया। गांव के शिव चरन, प्रेम सिंह एवं अन्य ने वादी एवं उसके परिजनों को आरोपियों से बचाया। आरोपी आइंदा मिलने पर जान से मारने की धमकी देते हुये चले गये।
अदालत में तीस वर्ष चले विचारण कें दौरान वादी मुकदमा, उसके बहनोई, बीच बचाव करने वाले गवाहों कें अतिरिक्त पुलिस के गवाहों की उपस्थिति हेतु कई बार उनके विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट, 82 द.प्र.स. के तहत कार्यवाही कें आदेश पारित किये गए परन्तु अभियोजन पक्ष एक भी गवाह को अदालत में पेश करने में विफल रहा।
एसीजेएम 10 माननीय मो.साजिद नें साक्ष्य के पूर्णतया अभाव एवं आरोपियों कें अधिवक्ता राम लक्ष्मण कुशवाह के तर्क पर आरोपियों को बरी करने के आदेश दिये।
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