पति द्वारा अपने जीवन काल में किया गया 12 रुपये का बीमा निवेश बना बुजुर्ग पत्नी के जीवन यापन का साधन

उपभोक्ता मामले न्यायालय मुख्य सुर्खियां
12 रुपये के प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना निवेश पर विधवा पत्नी को मिली 2 लाख 25 हजार रुपये की धनराशि
वादनी के पति का आर्यावर्त बैंक में था बचत खाता, जानकारी के अभाव में बीमा कंपनी को निर्धारित समय पर नहीं दे पाई थी सूचना

आगरा 04 अक्टूबर।

अनपढ़, बुजुर्ग विधवा महिला के पति द्वारा प्रधान मंत्री बीमा योजना के अंतर्गत बैंक के अपने बचत खाते से 12 रुपयें की क़िस्त कटवाना उस महिला के जीवन यापन का साधन बन गया ।

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आगरा जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम के अध्यक्ष माननीय सर्वेश कुमार ने बुजुर्ग विधवा महिला को न्याय प्रदान करते हुए न्यू इंडिया इंश्योरेंस से बीमा रकम दिलवाकर बड़ी राहत प्रदान की।

मामले के अनुसार वादनी मुकदमा श्रीमती मीना देवी पत्नी स्व.जसवीर सिंह निवासी वेस्ट अर्जुन नगर, थाना शाहगंज, जिला आगरा ने अपने अधिवक्ता संजीव सक्सैना एवं शैलेंद्र कुमार के माध्यम से जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम में मुकदमा प्रस्तुत कर कथन किया कि वादनी के पति का आर्यावर्त बैंक की खेरिया मोड़ शाखा में बचत खाता था ।

उन्होनें प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत 12 रुपयें वार्षिक की क़िस्त अपने खाते से कटवाई थी।

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25 मार्च 2017 को आरटीओ कार्यालय में ह्रदयाघात से वादनी के पति की मृत्यु हो जाने पर आर्थिक अभाव के चलते उनके सामने जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया।

पति की मृत्यू के चार माह बाद वादनी के रिश्तेदार युवक ने वादनी के पति की बैंक की पास बुक की जांच की तो ज्ञात हुआ कि प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत उन्होनें 12 रुपये वार्षिक की क़िस्त अपनें बैंक खाते से कटवाई थी।

वादनी द्वारा इंश्योरेंश कंपनी को सूचना देने पर बीमा कंपनी ने यह कह कर क्लेम खारिज कर दिया कि मृत्यू की सूचना चार माह बाद दी गयी। नियमानुसार एक माह के अंदर सूचना देने पर ही वह बीमा क्लेम लेने की हकदार थी।

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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम के अध्यक्ष माननीय सर्वेश कुमार एवं सदस्य डॉ अरुण कुमार ने वादनी का वाद स्वीकृत कर उसे मुकदमा दायर करने की दिनांक 5 जुलाई 2018 से 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित बीमा राशि के रूप में दो लाख रुपये दिलाने कें आदेश दियें, जिसके अतिरिक्त मानसिक कष्ट एवं वादव्यय के रूप में 25 हजार रुपये भी दिलाने के आदेश पारित किए।

इंश्योरेंस कंपनी द्वारा उक्त राशि का चैक उपभोक्ता आयोग में जमा करने पर आयोग ने उक्त चैक वादनी को सौंप उन्हें बड़ी राहत प्रदान की।

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विवेक कुमार जैन
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