आगरा, ६ अगस्त ।
पत्नी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने पति द्वारा दायर की गई तलाक की याचिका को खारिज कर दिया है। पति ने अपनी पत्नी पर दुर्व्यवहार और परित्याग का आरोप लगाया था, जबकि पत्नी ने पति पर अन्य महिलाओं के साथ संबंध रखने और उत्पीड़न का आरोप लगाया।
मामले के अनुसार, आगरा के एक व्यक्ति ने अपनी राजस्थान निवासी पत्नी से तलाक लेने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी। उनकी शादी वर्ष 2000 में हुई थी और उनके तीन बच्चे हैं – दो बेटियां पति के पास और एक बेटा पत्नी के साथ रह रहा है।
पति का आरोप:
पति ने आरोप लगाया कि शादी के कुछ समय बाद, पत्नी ने उसके परिजनों के उकसावे पर उसके साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। वह अक्सर दोस्तों और रिश्तेदारों के सामने उसका अपमान करती थी।
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पति ने बताया कि पत्नी के व्यवहार से परेशान होकर वह आगरा छोड़कर जयपुर में रहने लगे, लेकिन वहां भी पत्नी ने उसे परेशान किया। उसने यह भी आरोप लगाया कि पत्नी ने 20 लाख रुपये के सोने और हीरे के गहने अपने बैंक लॉकर में रख लिए और 2016 से उसे छोड़ दिया है।
पत्नी का पक्ष:
पत्नी ने अपने वकीलों शैलेंद्र पाल सिंह और आकाश कुमार दीक्षित के माध्यम से अदालत में जवाब दाखिल किया। पत्नी ने पति के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उसने पति का परित्याग नहीं किया, बल्कि पति ने ही उसे छोड़ दिया है। उसने आरोप लगाया कि शादी के बाद से ही उसके ससुराल वाले कम दहेज का ताना देते थे।
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उसने बताया कि शादी के 15 दिन बाद ही उसका पति उसे छोड़कर बैंकॉक चला गया था। बाद में जब वह उसे भी बैंकॉक ले गया, तो उसने एक थाई महिला से पति के प्रेम संबंधों का विरोध किया।
इस पर उसके साथ मारपीट और उत्पीड़न किया गया। पत्नी ने यह भी आरोप लगाया कि पति के अपनी चाची की भतीजी के साथ भी गलत संबंध थे।पत्नी के वकीलों की दलीलों पर विचार करने के बाद अदालत ने पति की तलाक की याचिका को खारिज करने का आदेश दिया।
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