आगरा में हत्या के एक मामले में तीन महिलाओं को विशेष न्यायाधीश ने सुनाई आजीवन कारावास की सज़ा

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आगरा, 2 सितम्बर 2025

थाना सदर बाजार क्षेत्र में वर्ष 2019 में किरायेदारी विवाद के चलते युवक राजेश शुक्ला की हत्या के मामले में विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) एवं अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय संख्या-04, माननीय ज्ञानेंद्र राव ने तीन महिलाओं को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

मामला संक्षेप में:

29 मार्च 2019 की रात लगभग 11 बजे रामविहार कॉलोनी, देवरी रोड फेस-3 में किराए के मकान को लेकर हुए विवाद में मकान मालिक श्रीमती सुनीता तोमर, उनकी पुत्रियाँ पूनम व रेनू तोमर ने राजेश शुक्ला पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी थी। गंभीर रूप से झुलसे राजेश को एसएन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।

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न्यायिक कार्यवाही:

• एफआईआर 31 मार्च 2019 को दर्ज की गई।

• पुलिस ने धारा 302/34 भा.दं.सं. के तहत आरोप पत्र दाखिल किया।

• अभियोजन पक्ष की तरफ़ से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता मंगल सिंह और सुरेश चन्द शर्मा ने कुल 12 गवाहों को प्रस्तुत किया, जिनमें मृतक के भतीजे कुनाल व वरुण शुक्ला प्रमुख साक्षी रहे।

• अभियुक्ताओं ने अपने बचाव में अलग-अलग स्थानों पर होने का दावा किया, जिसे न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया।

न्यायालय का निर्णय:

विशेष न्यायाधीश माननीय ज्ञानेंद्र राव ने निर्णय में कहा कि यह हत्या सामान्य आशय के तहत की गई और अभियुक्ताओं ने निर्दयतापूर्वक एक युवक की जान ली।

यह मामला “विरलतम” श्रेणी में नहीं आता, अतः मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता। न्याय के उद्देश्य की पूर्ति हेतु तीनों अभियुक्ताओं को आजीवन कारावास एवं ₹5000-₹5000 का अर्थदंड लगाया गया है। अर्थदंड न देने की स्थिति में दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

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बचाव पक्ष की दलील:

अभियुक्ताओं के अधिवक्ता महताब सिंह ने उनकी महिला होने, आर्थिक स्थिति और छोटे बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी का हवाला देते हुए सजा में नरमी की अपील की थी, जिसे न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया।

अन्य निर्देश:

• अभियुक्ताओं की पूर्व जेल अवधि सजा में समायोजित की जाएगी।

• सजायाफ्ता वारंट तैयार कर उन्हें जिला कारागार, आगरा भेजा गया।

• निर्णय की प्रति अभियुक्ताओं को निःशुल्क प्रदान की गई।

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विवेक कुमार जैन
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