आगरा 26 नवंबर 2024 को संविधान दिवस के उपलक्ष में डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के इतिहास एवं संस्कृति विभाग में संविधान दिवस पर आयोजित समान नागरिक संहिता विषय पर भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
वर्तमान समय की ज्वलंत विषय ” समान नागरिक संहिता की आवश्यकताः क्या इस पूरे भारत में लागू किया जाना चाहिए “ विषय पर विश्वविद्यालय स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
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विषय विशेषज्ञ के रूप में राज्यपाल के पूर्व विधिक सलाहकार वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ अरविंद मिश्रा व प्रोफेसर सुनीता रानी घोष, अध्यक्ष हिंदी विभाग आगरा कॉलेज, आगरा रहे। उन्होंने समान नागरिक संहिता विषय पर बोलते हुए बताया कि भारतीय संविधान समानता का बंधुत्व का उद्घोष करता है।
‘एक देश एक कानून ‘एक समाजवादी पंथनिरपेक्ष देश की आवश्यकता है। डॉ अरविंद मिश्रा ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश की परंपराओं में विभिन्नताओ का सामान्य विधि से समन्वय आवश्यक है। भारतवर्ष विभिन्नताओं का देश है।
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ऐसी स्थिति में इस जटिल समस्या से निकलने के लिए सभी को एक साथ एक जुटता साथ से कार्य करना होगा, इसमें विद्यार्थियों का विशेष योगदान होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर बी. डी. शुक्ला ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के भारतीय समाज को दिए गए योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज भारत में जो कुछ भी दिखाई दे रहा है वह सभी कुछ उन्हीं की देन है तभी तो आज अमेरिका जैसा देश भारत की प्रशंसा कर रहा है।
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