हमारे काम को देखो, वस्त्र मत देखो,
आगरा /प्रयागराज 26 अगस्त।
”अदालत सूर्य है वो न्याय का जिससे उजाला है, मुसीबत जब पड़ी है मुल्क पर इसने संभाला है, हमारे काम को देखो, हमारे वस्त्र न देखो, हमारी आत्मा उजली है
केवल वस्त्र काला है।”
यह शेर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने 24 अगस्त शनिवार को यूपी बार कौंसिल के प्रशासनिक भवन के उद्घाटन करने के अवसर परअधिवक्ताओं को उनके कार्य की अहमियत बताते हुए सुनाया।उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं की हड़ताल न केवल न्याय प्रक्रिया को लंबा खींचती है, बल्कि इससे समाज का भी नुकसान होता है। ऐसे में अधिवक्ताओं को छोटी-छोटी बातों व मुद्दों पर हड़ताल करने से बचना चाहिए।
बार काउंसिल ऑफ यूपी के प्रशासनिक भवन के शिलापट्ट का अनावरण कर न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली व बार कौंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए यूपी बार कौंसिल के अध्यक्ष शिवकिशोर गौड़ ने प्रशासनिक भवन की खूबियां अतिथियों को बताईं। उन्होंने बताया कि इस भवन के बनने से रजिस्ट्रेशन के लिए आने वाले अधिवक्ताओं को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
एक जगह पर उनके सारे कार्य हो जाएंगे। साथ ही सारे कागजात सुरक्षित रहेंगे।
इस कार्यक्रम के दौरान ”पेशे में नैतिकता और समाज के प्रति अधिवक्ताओं की भूमिका” विषय पर सेमीनार का भी आयोजन किया गया।इस सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा कि अधिवक्ता शार्टकट न अपनाएं। ईमानदारी के साथ अपने न्यायिक कार्य को करें। तभी सफलता मिलेगी। वहीं, उन्होंने महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए भी बार कौंसिल को प्रयास करने के लिए कहा। महिलाएं अब किसी से कम नहीं है। न्यायिक सेवा में इनकी संख्या तेजी से बढ़ी है। यह अच्छी बात है। उन्होंने अपने जीवन के कई अनुभवों को भी साझा किया।
जल्द ही लागू होगा एडवोकेट प्रोटेक्टशन एक्ट व बीमा व मेडिकल बीमा
बार कौंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने जिला बार एसोसिएशन से हड़ताल न करने के लिए कहा। साथ ही कहा कि हमारी सरकार से दो ही मांग है। एक एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट और दूसरा वकीलों के लिए बीमा व मेडिकल क्लेम लागू करना। बताया कि जल्द ही सरकार इसे लागू करने जा रही है। आगे उन्होंने कहा कि बिना मानक लॉ कॉलेज बड़ी संख्या में खुल गए हैं। इनसे सिर्फ डिग्रियां बांटी जा रही हैं। इन कॉलेजों पर अंकुश न लगाया गया तो न्यायिक पेशे का स्तर और गिर जाएगा।
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कार्यक्रम में मुख्यरूप से इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली, न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, न्यायमूति विवेक कुमार बिड़ला, न्यायमूर्ति अश्विनी मिश्र, न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह, न्यायमूर्ति शेखर बी शर्राफ, न्यायमूर्ति जेजे मुनीर, न्यायमूर्ति सिद्धार्थ, न्यायमूर्ति नीरज तिवारी, न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव, महानिबंधक राजीव भारती, जिला जज संतोष राय उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय व उपाध्यक्ष श्रीनाथ त्रिपाठी ने किया। इस दौरान हरिशंकर, इमरान मसूद खान, अमरेंद्र नाथ सिंह, अजय यादव, देवेंद्र मिश्र नगरहा, प्रदीप कुमार सिंह, अंकज मिश्रा, प्रशांत सिंह अटल, अखिलेश कुमार अवस्थी, जानकी शरण पांडेय, दीपक चतुर्वेदी, अपूर्व कुमार शर्मा चेयरमैन कार्यकारिणी परिषद बीसीआई, अमित वैद्य सदस्य बीसीआई, रामप्रसाद सिंघानिया सदस्य बार कौंसिल राजस्थान, कुलदीप सिंह उपाध्यक्ष बार कौंसिल उत्तराखंड आदि मौजूद रहे।
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